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यहां दिन में हो रहा रेत का उत्खनन

कलेक्टर ने एक सप्ताह पहले दिए थे खनन को सख्ती से रोकने के निर्देश

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यहां दिन में हो रहा रेत का उत्खनन

यहां दिन में हो रहा रेत का उत्खनन

नरसिंहपुर। जिले में 36 खदानों से 63 करोड़ 50 लाख रुपए में रेत का ठेका लेकर अभी तक सबसे महंगा रेत ठेका लेने का परिणाम भी सामने आने लगा है। 20 जून को एक कंपनी द्वारा लिए गए ठेका के बाद नदियों से हैवी मशीनों की मदद से नियम विरुद्ध तरीके से मनमाने रेत खनन की तस्वीरें जिले भर से सामने आने लगी हैं। ऐसा भी नहीं है कि इससे पहले नदियों से रेत के खनन में मशीनों का उपयोग नहीं किया गया हो पर अभी तक सफेद रेत का काला कारोबार रात के अंधेरे में चलता था पर अब दिन में जिस तरह से अब खुलेआम मशीनों से रेत निकाली जा रही है उसने पुलिस प्रशासन और खनिज विभाग की सजगता और कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।

खासतौर से तब जबकि कलेक्टर ने महज एक सप्ताह पहले ही रेत के अवैध खनन को सख्ती से रोकने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद पुलिस के संरक्षण में डोंगरगांव चीचली में सीतारेवा नदी से दिन के उजाले में हैवी अर्थमूवर मशीन लगाकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है।

खतरे की बात यह है कि यह खनन पुल के पास से किया जा रहा है जिससे भविष्य में पुल के लिए खतरा निर्मित हो सकता है। जानकारी के मुताबिक स्थानीय लोगोंं ने पुलिस और प्रशासन को इसकी जानकारी दी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। नदी के दोनों ओर मौके पर बड़ी संख्या में रेत भरने के लिए ट्रैक्टर खड़े हुए थे जिनमें मशीन से रेत भरी जा रही थी। नियमानुसार मानव श्रम के उपयोग से रेत निकालने का नियम है और किसी भी तरह से मशीनों का उपयोग नहीं किया जा सकता पर खनिज विभाग के इन नियमों की यहां धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं।

यहां भेजी जा रही रेत
जानकारी के अनुसार डोगरगांव चीचली में सीतारेवा नदी से जो रेत निकाली जा रही है उसकी सप्लाई नजदीक स्थित एनटीपीसी प्लांट में और करेली व नरसिंहपुर में की जा रही है। डोंगरगांव से जो रेत की निकासी की जा रही है उसके रेत से भरे वाहन डोंगरगांव पुलिस थाना के सामने से होकर गुजरते हैं। इसके बावजूद पुलिस द्वारा न तो पूछताछ की जाती है और न ही किसी तरह की कार्रवाई की जा रही है।

तूमडा पनागर में चल रहा मनमाना खनन
डोगरगांव चीचली में सीतारेवा नदी के अलावा तूमड़ा पनागर में व्यापक पैमाने पर इसी तरह से मशीनों से रेत का उत्खनन किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार यहां शाम होते ही खदानों मेंं डंपरों की लाइन लग जाती है और सुबह सूरज निकलने के एक घंटे पहले तक अंधाधुंध खनन कर डंपरों में रेत भर कर रवाना कर दी जाती है।

नहीं की जा रही कार्रवाई
नदियों से रेत के अवैध खनन का शुरू से अपनी सरकार में खुलकर मंचों से विरोध करती आईं क्षेत्रीय विधायक सुनीता पटेल का कहना है कि यहां के हर जिम्मेदार पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी को इस बात की जानकारी है कि कहां कहां और किस खदान से कितना अवैध खनन किया जा रहा है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। अब तो पुलिस प्रशासन से इस विषय पर कार्रवाई करने के लिए कहने में शर्म आने लगी है। विधायक का कहना है कि अवैध खनन की रेत से भरे ओवरलोड डंपरों ने इस क्षेत्र की सडक़ों को बर्बाद कर दिया है जिसका खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं।

इनका कहना है
यदि सीतारेवा नदी से नियम विरुद्ध तरीके से रेत का खनन किया जा रहा है और मशीनों का उपयोग किया जा रहा है तो इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मशीनें जब्त की जाएंगी और खनि नियमों के तहत कार्रवाई करेंगे।
राजेश शाह, एसडीएम गाडरवारा