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गाडरवारा। जिले की महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक नपा गाडरवारा का गठन वर्ष 1867 में हुआ था। लगभग 150 साल पुरानी नपा गाडरवारा की आबादी 90 हजार से अधिक बताई गई है। नपा के द्वारा शहर में विभिन्न प्रकार के विकास कार्य कराए जाते हैं। वहीं प्रतिमाह वेतन एवं खर्चों के लिए नपा लोगों से प्राप्त विभिन्न प्रकार के करों पर आश्रित रहती है। लेकिन सूत्रों की जानकारी के अनुसार नगर पालिका पर संपत्तिकर, जलकर, दुकानों का किराया मिलाकर करोड़ों की राशि बकाया है। लोग नियमति कर जमा नहीं करते। इसका प्रभाव नपा के अनेक विकास कार्यों एवं जरूरी व्यय पर पड़ता है। बीते दिनों लोक अदालत में भी रखे गए 380 प्रकरणों में से महज 106 का निराकरण कर 01,47,585 रुपए की समझौता राशि प्राप्त की थी। नपा कर्मियों ने बताया है कि करों की वसूली कम होने को लेकर दो टीमों का गठन किया गया है। जिसमें प्रतिदिन बकायादारों के घरों घर जाकर कर वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं। नगर के सभी 24 वार्ड के बकायादारों के यहां उक्त टीम के लोग पहुंचेंगे एवं जलकर, संपत्ति कर एवं दुकान किराया जो भी बकाया है उसे जमा कराने का आग्रह कर रहे हैं।
नपाध्यक्ष अनीता जायसवाल ने बताया कि पूर्व में नपा द्वारा चुंगी वसूली की जाती थी। जिसे प्रदेश भर में बंद कर दिया गया है। इसके ऐवज में चुंगी क्षतिपूर्ति राशि प्रदान की जाती है। लेकिन नपा सबसे अधिक आश्रित जनता से प्राप्त करों पर आश्रित होती है। नगर पालिका द्वारा स्वच्छता से लेकर पेयजल आपूर्ति, स्ट्रीट लाईट, विकास कार्य आदि अनेक सुविधाएं देती है। लोगों से उन्होंने अपील की है कि नगर हित में सभी लोग अपने बकाया करों का भुगतान कर नगर विकास में सहभागी बनें। नपा सबसे अधिक आश्रित जनता से प्राप्त करों पर आश्रित होती है। नगर पालिका द्वारा स्वच्छता से लेकर पेयजल आपूर्ति, स्ट्रीट लाईट, विकास कार्य आदि अनेक सुविधाएं देती है। लोगों से उन्होंने अपील की है कि नगर हित में सभी लोग अपने बकाया करों का भुगतान कर नगर विकास में सहभागी बनें।
Published on:
25 Dec 2018 06:17 pm
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