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भक्तों के कष्ट हर लेती है झिरिया माता की बाराही माता

चर्मरोगों से मिलती है मुक्ति, मां को लगता है हलवे पुरी का भोग भमका वाली देवी पर जल रही कपूर की अखंड जोत

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भमका वाली देवी पर जल रही कपूर की अखंड जोत

भमका वाली देवी पर जल रही कपूर की अखंड जोत

गाडरवारा। चैत्र के नवराते प्रारंभ होते ही साईंखेड़ा से आठ किलोमीटर दूर बारही माता मंदिर , झिरियामाता में प्रति वर्षानुसार इस वर्ष भी भक्तों का तांता लगा हुआ है। झिरियामाता में बड़े ही धूमधाम से नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। चैत्र मास की अष्टमी एवं नवमीं पर विशाल भंडारा एवं बरसों से मेला लगता आ रहा है। यहां पर बड़ी दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं और यही पर हलुवा पूरी बनाकर माता को भोग लगाते हैं जिससे सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है। सांंईखेड़ा के समीप वाराही माता के इस प्राचीन सिद्ध मंदिर झरियामाता दरबार में प्रतिवर्ष चैत्र एवं शारदेय नवरात्रि में दूर दूर के श्रद्धालु भक्त उमड़ते हैं। यहां के पंडा से प्राप्त जानकारी के अनुसार हम कई पीढ़ी से मां भगवती की सेवा करते चले आ रहे हैं। सन 1970 में इस मंदिर का नव निर्माण हुआ। इससे पहले वर्षों से मां भगवती कच्ची खपरेल के मंदिर में विराजमान थीं। मंदिर के समीप ही एक पुरानी बावड़ी है। ऐसा माना जाता है कि मां भगवती के इस सिद्ध दरबार में आने से अनेकों प्रकार के रोग जैसे चर्मरोग, फोड़े, फुंसी इत्यादि के बीमारियों के निवारण हो जाते हैं। नवरात्रि के अलावा भी झिरिया माता दरबार में दूर दूर से श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। यहां की विशेषता है कि यहां जो भी श्रद्धालु आता है। वह यहां आकर ही हलवे पूरी का प्रसाद बनाता है। अर्थात घर बने कोई व्यंजनों का भोग मां भगवती को नहीं लगता। साथ ही उस प्रसाद में नमक नहीं डाला जाता, वहीं प्रसाद चढ़ाने के बाद श्रद्धालु खुद खाता है। जिससे उसके सारे कष्ट पल में दूर हो जाते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि मां वाराही की क्षेत्र पर असीम कृपा के चलते क्षेत्रवासी सभी प्रकार के चर्मरोगों से बचे रहते हैं।
भमका वाली देवी पर जल रही कपूर की अखंड जोत
समीपी ग्राम भमका के पास वैष्णो दरबार मां भगवती खेरापति मंदिर भमका वाली देवीजी पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी घट, कलश, जवारे स्थापित किए गए हैं। यहां नवरात्रि के चलते बड़ी संख्या में मां के भक्त उपस्थित होकर मां के चरणों में माथा टेक रहे हैं। बताया गया है कि पूरे नवरात्रि पर मां भगवती की कपूर की अखंड ज्योत जलेगी। ज्ञात रहे प्रतिवर्ष यहां मां भगवती के चरणों में कपूर की अखंड ज्योत जलाई जाती है। साथ ही रात्रि जागरण में मां भगवती के जस, कीर्तनों, संगीतमय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।