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भगवान भरोसे सरकारी स्कूल! बगैर छात्र के चल रहे 103 विद्यालय, 7,930 में सिर्फ एक टीचर

Government Schools: झारखंड में 103 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी छात्र नहीं हैं। वहीं, राज्य के 7,930 स्कूल ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक शिक्षक हैं।

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फाइल फोटो

Government Schools: भारत के कई राज्यों में सरकारी स्कूलें के बहुत ही बुरे हालत है। कुछ जगहों पर बच्चे नहीं होने की वजह से स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच गए है, तो कहीं जगह सिर्फ एक ही टीचर है। झारखंड में भी सरकारी स्कूलों को कुछ ऐसा ही हाल है। प्रदेश में 103 स्कूल ऐसे हैं जहां एक भी बच्चा नहीं हैं। आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि इन स्कूलों में 17 शिक्षक पदस्थापित हैं। इसके अलावा राज्य में 7,930 स्कूल ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक टीचर हैं। इन स्कूलों में 3,81,455 बच्चे पढ़ाई कर रहे है। यह आंकड़ा मंगलवार को झारखंड विधानसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए है।

बीजेपी विधायक ने स्कूलों और ​टीचर को लेकर पूछा था सवाल

धनबाद के बीजेपी के विधायक राज सिन्हा ने स्कूलों में शिक्षकों और विद्यार्थियों की संख्या के संबंध में सवाल किए थे। बीजेपी विधायक ने पूछा था कि क्या यह सच नहीं है कि प्रदेश के 199 स्कूलों में एक भी छात्र नहीं है, लेकिन 398 शिक्षक कार्यरत हैं।

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स्कूलों में अतिक्रमण कर चल रही हैं दुकानें

बीजेपी विधायक का कहना है कि इन स्कूलों में पदस्थापित शिक्षकों को बिना किसी काम के वेतन दिया जा रहा है। कई स्कूलों में अतिक्रमण कर दुकानें चल रही हैं। उन्होंने कहा कि कई स्कूलों में रात में शराबियों का जमावड़ा लगा रहा है। इसके साथ ही सिन्हा ने कहा कि सरकार इन स्कूलों को बंद क्यों नहीं कर रही है।

स्कूलों में बच्चों की घटती संख्या से सरकार चिंतित

विधायक राज सिन्हा द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने मंगलवार को सदन में जवाब देते हुए कहा कि स्कूलों में बच्चों की घटती संख्या से सरकार चिंतित है। जिन स्कूलों में टीचर नहीं हैं, वहां के शिक्षकों को दूसरे स्कूल में पदस्थापित करने या स्कूल को बंद कर देने से इसका समाधान नहीं होने वाला है। इससे स्कूलों में बच्चों की संख्या और घट सकती है।

सरकार ने शुरू की 'स्कूल चलो अभियान' मुहिम

शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने बताया कि सरकार ने 'स्कूल चलो अभियान' जैसी मुहिम शुरू की है। यह अभियान उन इलाकों में चलाया जा रहा है, जहां स्कूलों में बच्चे नहीं आ रहे हैं, ताकि छात्रों को फिर से स्कूल लाया जा सके। उन्होंने आगे बताया कि स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थी वैसे बच्चों के घरों में जाते हैं, जिन्होंने स्कूल आना छोड़ दिया है। उनको जागरूक किया जा रहा है और फिर से स्कूल लाने का प्रयास जारी है।