21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चलती ट्रेन में लड़की के टॉयलेट में जबरदस्ती घुसा शख्स, फिर की हैवानियत की हदें पार

आरोपी ने पहले नाबालिग का पीछा किया और जब वह शौचालय गई, तो उसने वहां जबरदस्ती घुसकर उसका यौन उत्पीड़न किया।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Anish Shekhar

Apr 05, 2025

तेलंगाना की एक चलती ट्रेन में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया। एक नाबालिग लड़की, जो अपने परिजनों के साथ सफर कर रही थी, उसकी मासूमियत को एक दरिंदे ने अपनी हवस का शिकार बना डाला। यह दिल दहला देने वाला वाकया उस समय सामने आया जब एक 20 वर्षीय युवक, जो उसी ट्रेन में सवार था, ने नाबालिग का पीछा किया और मौका पाते ही शौचालय में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म की घिनौनी हरकत को अंजाम दिया। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी बन गई, बल्कि ट्रेनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

चलती ट्रेन में बनाया शिकार

सिकंदराबाद रेलवे पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को जानकारी साझा की। यह जघन्य कृत्य 3 अप्रैल की सुबह हुआ, जब पीड़िता अपने परिवार के साथ यात्रा कर रही थी। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने पहले नाबालिग का पीछा किया और जब वह शौचालय गई, तो उसने वहां जबरदस्ती घुसकर उसका यौन उत्पीड़न किया। शिकायत मिलते ही राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने सिकंदराबाद रेलवे थाने में मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी। एक वरिष्ठ जीआरपी अधिकारी ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है, हालांकि अभी उसे हिरासत में लिया गया है या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं की गई। यह घटना उस असुरक्षा को उजागर करती है, जो सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं और नाबालिगों को झेलनी पड़ती है।

यह भी पढ़ें: ये फेक न्यूज, आप अपने पत्रकारों से जांच करवा लें- नरेंद्र मोदी से बोले बांग्लादेश के युनूस

जब दुष्कर्म से बचने के लिए ट्रेन से कूदी महिला

इसके साथ ही एक अन्य चौंकाने वाली घटना ने भी सुर्खियां बटोरीं। 22 मार्च को सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से मेडचल जा रही एमएमटीएस ट्रेन के महिला कोच में एक महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया गया। अकेले सफर कर रही इस महिला ने अपनी जान बचाने के लिए चलती ट्रेन से छलांग लगा दी, जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गई। आरोपी ने महिला को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन उसकी हिम्मत और साहस ने उसे इस कोशिश में नाकाम कर दिया, हालांकि इसकी कीमत उसे अपनी सेहत से चुकानी पड़ी।

ये दोनों घटनाएं न केवल मानवता पर धब्बा हैं, बल्कि रेलवे प्रशासन और समाज के सामने एक कड़वा सच रखती हैं- कि सुरक्षा के दावों के बावजूद, महिलाएं और बच्चियां आज भी खतरे में हैं। इन मामलों ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है और सवाल उठाया है कि आखिर कब तक मासूमों को ऐसे हैवानों का शिकार बनना पड़ेगा।