
अंजलि भारद्वाज (फोटो- X)
RTI एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज ने खुलासा किया है कि चुनाव आयोग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने RTI के लिखित जवाब में कहा है कि निर्वाचन आयोग ने SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर फैसला नहीं लिया है। अंजलि ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अगर चुनाव आयोग ने SIR करने का फैसला नहीं लिया तो फिर इसे किसने लिया? क्या केंद्रीय गृहमंत्रालय ने SIR करने का फैसला लिया।
अंजलि भारद्वाज ने कहा कि 100 करोड़ वोटरों की प्रमाणिकता दांव पर लगी हुई है। इतना बड़ा एक्सरसाइज किया जा रहा है और कोई जवाबदेही नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि SIR संवैधानिक या नहीं उस पर फैसला बाकी है, लेकिन EC प्रक्रिया नहीं रोक रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों को भी इसमें अपनी भूमिका निभानी पड़ेगी।
इससे पहले RTI एक्टिविस्ट अंजलि भारद्वाज ने बिहार में हुए SIR को लेकर बड़ा खुलासा किया था। उन्होंने दावा किया था कि चुनाव आयोग के पास बिहार SIR 2003 की कोई फाइल नहीं है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में ‘स्वतंत्र मूल्यांकन’ का हवाला दिया था, लेकिन RTI में उसका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
अंजलि भारद्वाज ने बिहार में हुए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) से संबंधित दो आरटीआई आवेदन दायर किए थे। पहले आवेदन में उन्होंने इलेक्शन कमीशन द्वारा किए गए स्वतंत्र मूल्यांकन (इंडिपेंडेंट अप्रैजल) की कॉपी और एसआईआर के निर्णय लेने की प्रक्रिया से संबंधित फाइलें मांगी थीं। इलेक्शन कमीशन ने जवाब में केवल 2025 के एसआईआर के आदेश और दिशानिर्देश दिए और कहा कि "कोई अन्य जानकारी मौजूद नहीं है"।
SIR 2.0 का वोटर ड्राफ्ट रोल जारी हो गया है। पश्चिम बंगाल, केरल, राजस्थान समेत 12 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में चुनाव आयोग ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन चलाया। इसके बाद जारी किए गए वोटर रोल में 3.68 करोड़ वोटरों के नाम हटाए गए। चुनाव आयोग ने बताया कि हटाए गए वोटरों को शिफ्टेड/अनुपस्थित, मृत, कई जगहों पर रजिस्टर्ड के रूप में मार्क किया गया।
Updated on:
24 Dec 2025 11:34 am
Published on:
24 Dec 2025 11:24 am
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