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अदाणी-हिंडनबर्ग जांच को लेकर सेबी पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा – 14 अगस्त तक दें जांच रिपोर्ट की अपडेट

अदाणी-हिंडनबर्ग जांच पर 12 मई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को कहाकि, 14 अगस्त को हमें बताएं इस जांच की अपडेट से अवगत कराएं। और उसके बाद हम सितम्बर तक समय दे सकेंगे।

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सुप्रीम कोर्ट

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अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद की जांच पर सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 14 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। सेबी को कुछ राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहाकि अदालत सितंबर तक समय दे सकती है, पर 14 अगस्त को हमें बताएं, आप किस चरण में हैं, हमें एक अपडेट रिपोर्ट दें। सेबी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ ने निर्देश दिया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि सेबी को अपनी रिपोर्ट पूरी करने के लिए छह महीने का विस्तार पहले ही सीमित कर दिया गया है।

अनिश्चितकालीन विस्तार नहीं दे सकती, सुप्रीम कोर्ट का इनकार

बेंच में शामिल जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जे.बी. पारदीवाला ने तुषार मेहता से कहा, हमें बताएं कि आपने क्या किया है और कोर्ट ने शुरू में दो महीने का समय दिया था और अब इसे अगस्त तक बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ-साफ कह दिया कि, वह जांच पूरी करने के लिए अनिश्चितकालीन विस्तार नहीं दे सकती।

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कई शिकायतों के बावजूद, सेबी ने कुछ नहीं किया - प्रशांत भूषण

अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दलील पेश करते हुए कहाकि हाल के वर्षों में और कई शिकायतों के बावजूद, सेबी ने कुछ नहीं किया। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2016 से Adani Group पर लगे आरोपों की जांच तथ्यात्मक रूप से निराधार है।

पूरे तथ्य बिना निष्कर्ष न्याय के उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा

सेबी ने यह आगाह किया कि रिकॉर्ड पर पूरे तथ्य सामग्री के बिना मामले का कोई भी गलत या समय से पहले निष्कर्ष न्याय के उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेगा और कानूनी रूप से अस्थिर होगा। सेबी के मामले में समय के विस्तार के लिए आवेदन का मतलब निवेशकों और प्रतिभूति बाजार के हित को ध्यान में रखते हुए न्याय सुनिश्चित करना है।

11 विदेशी नियामकों से संपर्क किया

सेबी ने कहा, न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (एमपीएस) मानदंडों की जांच के संदर्भ में, सेबी पहले ही अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूति आयोगों के संगठन (आईओएससीओ) के साथ बहुपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमएमओयू) के तहत ग्यारह विदेशी नियामकों से संपर्क कर चुका है। सूचना के लिए नियामकों से अनुरोध किए गए थे। विदेशी नियामकों के लिए पहला अनुरोध 6 अक्टूबर, 2020 को किया गया था।

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