
देश में 'वन नेशन वन इलेक्शन' (One Nation One Election) को लेकर विपक्षी दलों में विरोध देखा जा रहा है। इसी बीच हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज का 'एक राष्ट्र एक चुनाव' को लेकर बड़ा बयान सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि यह देश को आगे ले जाने वाला फैसला है। यह फैसला आजादी के तुरंत बाद लिया जाना चाहिए था, लेकिन जो सरकारें बनीं उनके एजेंडा में ये मुद्दे नहीं थे।
'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर बात करते हुए अनिल विज ने कहा, "पहले लोकसभा का चुनाव हुआ तो सारे काम रुके हुए थे, फिर विधानसभा चुनाव में काम रुक गए। इसके बाद महाराष्ट्र और हरियाणा के इलेक्शन आ गए थे। अब दिल्ली में चुनाव आ जाएंगे। पूरा साल केवल और केवल चुनाव ही चलते रहते हैं। विकास की ओर ध्यान नहीं जा पाता है। इसलिए यह बहुत अच्छा कदम है और देश के 140 करोड़ लोगों को इसका स्वागत करना चाहिए।"
मंत्री अनिल विज ने आगे कहा, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी राष्ट्रवादी सोच के तहत देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना चाहते हैं। बार-बार चुनावों का होना देश के विकास में व्यवधान पैदा करता है।
विपक्षी दलों का कहना है कि ये सही मायनों में एक ‘अव्यावहारिक’ ही नहीं ‘अलोकतांत्रिक’ व्यवस्था भी है क्योंकि कभी-कभी सरकारें अपनी समय अवधि के बीच में ही अस्थिर हो जाती हैं तो क्या वहां की जनता बिना लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व के रहेगी? वहीं, एक चिंता यह भी उठाई गई कि इस फैसले की वजह से लोकतांत्रित ढंग से चुनी गई सरकारों को भी भंग करना पड़ेगा, जो जनमत का अपमान कहा जाएगा।
Published on:
14 Dec 2024 09:05 am
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