बुधवार देर रात हुए हादसे के बाद गुरुवार सुबह एक बार फिर बचाव कार्य शुरू किया गया है। सुबह से एनडीआरएफ ( NDRF ) की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन ( Rescue Operation ) में जुटी हुई है। इस मामले में सरकार ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतर्देशीय जल परिवहन ( IWT ) विभाग के तीन अधिकारियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है।
यह भी पढ़ेंः
West Bengal: बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह के घर पर फेंके गए पेट्रोल बम, जानिए क्या बोले राज्यपाल एनडीआरएफ की ओर से बताया गया कि जिस समय नाव डूबी उस समय उस पर 120 लोग सवार थे। इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई। रात भर राहत और बचाव कार्य चलता रहा। सुबह होते ही रेस्क्यू ऑपरेशन की गति और बढ़ा दी गई है। लापता लोगों की खोज अभी भी जारी है।
बता दें कि एक निजी नाव ‘मां कमला’ निमती घाट से यात्रियों और वाहनों को लेकर माजुली की तरफ रवाना हुई थी। कुछ ही दूरी पर वह सरकारी फेरी स्टीमर त्रिपकाई से टकरा गई।
आइडब्ल्यूटी विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘नाव में 120 यात्री सवार थे। इनमें से कई को त्रिपकाई में मौजूद लाइफगार्ड की मदद से बचाया गया।’ एसडीआरएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि बचाई गई एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई।
यह भी पढ़ेंः
Assam Boat Accident: ब्रह्मपुत्र नदी में दो नावों के टकराने से कई लोगों के डूबने की आशंका सीएम हिमंता बिस्वा सरमा करेंगे दौराहादसे पर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरना ने दुख व्यक्त किया है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को सीएम खुद रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने निमती घाट जाएंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री सरमा ने माजुली और जोरहाट प्रशासन को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद से बचाव अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया।
बता दें कि डूबने के बाद नाव बहती हुई करीब डेढ़ किलोमीटर दूर चली गई थी। नाव पलटने की वजह से इसे सीधा करने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा।