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भारतीय कंपनी भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन को WHO ने दी मंजूरी, अब यह टीका लगवाए लोग विदेश भी आ और जा सकेंगे

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार शाम को कोवैक्सीन की मंजूरी की जानकारी दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मिली इस मंजूरी के मायने यह है कि भारत में बनी इस कोरोना वैक्‍सीन को अब अन्‍य देशों में मान्‍यता मिल सकेगी और यह वैक्‍सीन लगवाने वाले भारतीयों को अब विदेशों में यात्रा के दौरान क्‍वारंटीन होने या प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ेगा।  

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Ashutosh Pathak

Nov 03, 2021

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नई दिल्‍ली।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन यानी WHO ने भारत में निर्मित कोरोना वैक्‍सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। यह वैक्‍सीन भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने विकसित की है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार शाम को कोवैक्सीन की मंजूरी की जानकारी दी। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मिली इस मंजूरी के मायने यह है कि भारत में बनी इस कोरोना वैक्‍सीन को अब अन्‍य देशों में मान्‍यता मिल सकेगी और यह वैक्‍सीन लगवाने वाले भारतीयों को अब विदेशों में यात्रा के दौरान क्‍वारंटीन होने या प्रतिबंधों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

इमरजेंसी लिस्टिंग या EUL एक लंबी समीक्षा प्रक्रिया के बाद आती है। भारत बायोटेक ने पहले अप्रैल में मंजूरी के लिए आवेदन किया था और जुलाई में जरूरी दस्तावेज उपलब्‍ध कराए थे। इसमें वैक्‍सीन की सुरक्षा, प्रभावशीलता से संबंधित जानकारियां शामिल थीं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ईयूएल के उपयोग के लिए कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण के आंकड़ों का मूल्यांकन कर रहा है। तकनीकी परामर्शदाता समूह ने गत 26 अक्तूबर को टीके को आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध करने के लिहाज से अंतिम ‘जोखिम-लाभ मूल्यांकन' करने के लिए कंपनी से अतिरिक्त स्पष्टीकरण मांगे थे।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व स्वास्थ्य संगठन के तकनीकी परामर्शदाता समूह ने कोवैक्सीन के आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध के दर्जे की सिफारिश की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का तकनीकी परामर्शदाता समूह एक स्वतंत्र सलाहकार समूह है जो संगठन को यह सिफारिश करता है कि क्या किसी कोविड-19 रोधी टीके को ईयूएल प्रक्रिया के तहत आपात उपयोग के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है या नहीं।

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कोवैक्सीन ने लक्षण वाले कोविड-19 रोग के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभाव दिखाया है और वायरस के नये डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत सुरक्षा दर्शाई है‌। कंपनी ने जून में कहा था कि उसने तीसरे चरण के परीक्षणों से कोवैक्सीन के प्रभाव का अंतिम विश्लेषण समाप्त किया है।

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गौरतलब है कि हाल ही में, Covaxin को ऑस्‍ट्रेलिया ने भी यात्रा के लिए मान्‍यता प्रदान की है। ऑस्‍ट्रेलिया ने इसके साथ ही अपने अंतरराष्‍ट्रीय सीमा प्रतिबंधों में भी ढील का ऐलान किया है। ऑस्‍ट्रेलियाई सरकार की मीडिया रिलीज में कहा गया था, भारत बायोटेक इंडिया की ओर से निर्मित कोवैक्‍सीन और सिनोफॉर्म, चीन की निर्मित BBIBP-CorV को यात्रियों के टीकाकरण के लिए मान्‍यता होगी। कोवैक्‍सीन के लिए यह मान्‍यता 12 या इससे अधिक उम्र के यात्रियों के लिए और BBIBP-CorV के लिए 18 से 60 वर्ष के वैक्‍सीनेटेड यात्रियों के लिए होगी।