
भारत बायोटेक की इंट्रानेजल कोविड बूस्टर खुराक को DCGI की मंजूरी, जानें खासियतें
खुशखबर। कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक इंजेक्शन से लेना जरूरी नहीं है। अब कोरोना वैक्सीन की बूस्टर खुराक नाक के जरिए भी ले सकते हैं। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक की इंट्रानेजल 'फाइव आर्म्स' कोविड 19 बूस्टर खुराक के प्रतिबंधित उपयोग की मंजूरी दे दी है। एक सूत्र ने कहा कि, कोवाक्सिन या कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक दिए जाने के बावजूद वयस्कों के लिए तीसरी खुराक के रूप में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए नेजल वैक्सीन आईएनसीओवीएसीसी को आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी गई है। शुक्रवार को भारत के औषधि महानियंत्रक DCGI ने इस कोविड वैक्सीन पर अपनी सहमति जताई है। बताया जा रहा है कि, भारत बायोटेक का दावा है कि, यह नेजल डोज अब तक इस्तेमाल की जा रहीं कोरोना वैक्सीन से अलग और ज्यादा प्रभावी है।
खुराक लेना आसान
वैक्सीन निर्माता के अनुसार टीके की उत्कृष्ट क्षमता है। यह नाक में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है। इससे बीमारी, संक्रमण और संचरण से बचाव होता है। दूसरी खुराक के छह महीने बाद नाक का टीका लिया जा सकता है। चूंकि सुईरहित है, इसलिए इसे लेना आसान हो जाता है।
भारत बायोटेक का दावा
भारत बायोटेक ने दावा किया कि, इंट्रानेजल वैक्सीन व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करता है। इसमें कोविड-19 के संक्रमण और संचरण दोनों को अवरुद्ध करने की क्षमता है।
भारत बायोटेक की इंट्रानेजल 'फाइव आर्म्स' की खासियतें
- यह वैक्सीन नाक से ली जाती है। नाक के भीतर प्रतिरक्षा प्रणाली तैयार करके वायरस को निष्क्रिय कर देती है।
- निडिल की जरूरत नहीं। उपयोग में लाना आसान। घर पर भी प्रयोग किया जा सकेगा।
- प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं।
- दर्द से मुक्ति मिलेगी।
Updated on:
25 Nov 2022 03:43 pm
Published on:
25 Nov 2022 03:42 pm
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