10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिहार विधानसभा चुनाव: भाजपा पर भारी पड़ेगी नीतीश की यह सौगात, हो पाएगी 17 लाख वोटों की भरपाई?

Bihar Chunav: 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 7,36,47,660 मतदाता थे। इनमें से 4,21,94,050 ने मतदान  किया। इनमें से 64,85,179 ने नीतीश कुमार की जेडी(यू) को और 82,02,067 ने भाजपा को वोट दिया था। पढ़ें विजय कुमार झा की स्पेशल स्टोरी...

2 min read
Google source verification

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने है (Photo-IANS)

Bihar Election: बिहार में विधानसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने से कई महीने पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ी चुनावी चाल चल दी है। जुलाई से वह बुजुर्गों, विधवाओं व दिव्यांग जनों को 400 के बजाय 1100 रुपये प्रति माह पेंशन देंगे। नीतीश ने पेंशनभोगियों को करीब हजार करोड़ रुपये की यह अतिरिक्त सौगात देकर एक तीर से कई निशाने साधे हैं।

2020 में JDU को BJP से मिले थे कम वोट

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 7,36,47,660 मतदाता थे। इनमें से 4,21,94,050 ने मतदान  किया। इनमें से 64,85,179 ने नीतीश कुमार की जेडी(यू) को और 82,02,067 ने भाजपा को वोट दिया था। यानि, जद(यू) को भाजपा से 17,16,888 कम वोट मिले थे। अब नीतीश ने जो पेंशन बढ़ाने का दांव चला है, उसका फायदा 1.09 करोड़ लोगों को मिलेगा। ऐसे में नीतीश को मतों का अंतर पाटने की पूरी संभावना दिखाई दे रही होगी। 

बीजेपी की तुलना में जेडीयू और खुद अपनी कमजोर छवि की काट भी ढूंढी  

नीतीश ने अपनी इस एक घोषणा से हर जाति-वर्ग को साधने की कोशिश की है। पेंशनभोगी वर्ग के मतदाता अपेक्षाकृत ज्यादा भरोसेमंद भी माने जाते हैं। साथ ही, वे पार्टी के बजाय नेता (सीएम या पीएम) के नाम पर वोट करते हैं। यह योजना बिहार सरकार की है तो इसके साथ नीतीश कुमार का नाम ही जुड़ेगा। इस तरह नीतीश अपनी सेहत और उम्र को लेकर बनाई जा रही कमजोर छवि की काट के लिए इस घोषणा का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

राजद का मुद्दा छीना 

नीतीश ने नई घोषणा का तीर छोड़कर राजद का एक हथियार भी कम कर दिया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनकी सरकार बनी तो पेंशन की राशि 1500 रुपये प्रति माह कर दी जाएगी। अब तेजस्वी इसे मुद्दा नहीं बना पाएंगे। पहली बार चुनाव लड़ने जा रही जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भी अक्तूबर 2024 में पार्टी बनाते वक्त पेंशन की राशि 2000 रुपये प्रति माह किए जाने का वादा किया था।

यह भी पढ़ें- Bihar Politics: सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के बाद मंदिर… विधानसभा चुनाव को लेकर क्या है एनडीए का प्लान

साख के संकट को भी साधा 

चुनाव से पहले मतदाताओं को इस तरह का सीधा आर्थिक लाभ देने का चलन नया नहीं है। सबसे ताजा उदाहरण दिल्ली का है, जहां भाजपा ने महिलाओं को नकद राशि देने का एलान किया था। महाराष्ट्र में भी ऐसा ऐलान हुआ था। दिल्ली में जहां महिलाओं को अभी पैसे मिलने का इंतजार है, वहीं  महाराष्ट्र में चुनाव खत्म होते ही लाभार्थियों की संख्या में काफी कटौती कर दी गई। इस वजह से बीजेपी पर वादाखिलाफी के आरोप भी लगे। लेकिन बिहार के मामले में नीतीश ने ऐसी कोई आशंका नहीं छोड़ी है। उन्होंने मौजूदा योजना के तहत दी जाने वाली राशि बढ़ाई है और इस योजना के लाभार्थियों की संख्या में भी कटौती के आसार कम हैं।