
सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में मां सीता की बनने वाली मन्दिर की सामने आयी तस्वीर... फोटो- x/NitishKumar
Bihar Politics सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत विधवा महिलाओं, वृद्धजनों और दिव्यांगजनों को अब हर महीने 400 रुपये की जगह 1100 रुपये देने की घोषणा के एक दिन बाद सरकार ने बिहार के सीतामढ़ी में बनने वाले माता सीता की मंदिर का भव्य डिजाइन शेयर किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कुछ दिन पहले ही कहा था 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज पर सीतामढ़ी में सीता माता मंदिर का निर्माण पूरा कर लिया जायेगा। बिहार में विधानसभा चुनाव से कुछ माह पहले नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी में बनने वाले माता सीता की मंदिर का डिजाइन की तस्वीरों को शेयर कर साफ कर दिया है कि चुनाव में एनडीए का यह भी एक मुद्दा होगा।
रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने सोशल मीडिया एक्स पर सीता माता मंदिर के डिजाइन की तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा कि 'मुझे बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम, सीतामढ़ी को समग्र रूप से विकसित किए जाने हेतु भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं का डिजाइन अब तैयार हो गया है, जिसे आपके साथ साझा किया जा रहा है। इसके लिए एक ट्रस्ट का भी गठन कर दिया गया है ताकि निर्माण कार्य में तेजी आ सके। हमलोग पुनौराधाम, सीतामढ़ी में भव्य मंदिर निर्माण शीघ्र पूरा कराने हेतु कृतसंकल्पित हैं। पुनौराधाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण हम सभी बिहारवासियों के लिए गौरव और सौभाग्य की बात है' शनिवार को सीएम नीतीश कुमार ने इसी तरह सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि 400 से बढ़ाकर 1100 करने की जानकारी दी थी। दो दिनों में नीतीश सरकार की ओर से दी गई दो बड़ी सूचना से साफ है कि सरकार अब पूरी तरह से चुनाव के मूड में आ गई है।
सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता सीता की जन्मस्थली है। लंबे समय तक उपेक्षित रहने के बाद अब इस मन्दिर को अयोध्या में राम मंदिर की तर्ज पर जानकी की जन्मभूमि पर भी भव्य मंदिर बनेगा। दरअसल, बीजेपी जानकी मंदिर यूपी की तर्ज पर बिहार में मुद्दा बनाना चाह रही है। अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे को भी बीजेपी में खूब भुनाया था। पार्टी को इसका लाभ भी मिला था।
अब बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी सीतामढ़ी में मां जानकी के मंदिर के सहारे मिथिलांचल के लोगों को साधने की तैयारी में है। सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता सीता को लेकर बीजेपी मिथिलांचल की चार प्रमुख जिले दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और सीतामढ़ी की करीब 40 सीटें पर अपनी जीत पक्की करना चाह रही है। फिलहाल 40 में से 30 सीटों पर एनडीए का कब्जा है। लोकसभा चुनाव 2024 में मिथिलांचल की सभी सीटें एनडीए के खाते में आई थी। बीजेपी विधानसभा चुनाव में इस इतिहास को दोहराना चाह रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को महागठबंधन के गढ़ सीवान में चुनावी रैली कर बिहार के 24 विधानसभा सीटों को साधने का प्रयास किया था। सीवान और इसके आसपास की 24 विधानसभा सीटों को लेकर एनडीए में कई दौर की बातचीत हुई है। यह वह क्षेत्र है जहां महागठबंधन का दबदबा है। जीत और हार का अंतर भी काफी कम रहता है। यही कारण है कि बीजेपी के लिए यह 24 सीटें एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। बीजेपी नेताओं का मानना है कि पीएम मोदी की रैली के बाद एनडीए की राह थोड़ा आसान होगा।
बीजेपी बाहुबली शहाबुद्दीन का गढ़ सीवान में हिन्दु वोटरों को गोलबंद करने में सफल होगी। सीवान जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं। यहां मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है। 25% से ज्यादा मुस्लिम और यादव वोटर हैं। इनकी अच्छी खासी तादात होने के कारण इन सीटों पर महागठबंधन का दबदबा रहता है। MY समीकरण के दबदबा को कम करने के लिए बीजेपी यहां सवर्ण और अति पिछड़ा वोट बैंक को अपने साथ गोलबंद करना चाहती है।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की वायरल तस्वीर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सीवान में कहा कि आरजेडी बाबासाहेब अंबेडकर को पैरों में रखती है लेकिन मोदी अपने दिल में रखता है। सीवान में चुनावी मंच से पीएम ने इसकी चर्चा कर बिहार के दलित वोटर को साधने का प्रयास किया। बीजेपी को यह पता है कि बिहार में विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना है तो फिर दलित वोटरों को भी अपने साथ जोड़कर रखना होगा।
Updated on:
22 Jun 2025 12:20 pm
Published on:
22 Jun 2025 11:55 am
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