
Bihar Politics: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया और एनडीए गठबंधन ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। वहीं छोटे राजनीतिक दलों ने भी चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा चुनाव को लेकर पिछले 8 महीनों में प्रदेश में कई नई पार्टियों का उदय हुआ है। जिसमें प्रशांत किशोर ने ‘जन सुराज पार्टी’, आरसीपी सिंह ने ‘आप सबकी आवाज’, शिवदीप लांडे ने ‘हिंद सेना’ और आईपी गुप्ता ने इंडियन इंकलाब पार्टी का गठन किया।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से बिहार मे्ं एनडीए और इंडिया गठबंधन को नुकसान हो सकता है। प्रशांत किशोर की पार्टी मुस्लिम-यादव (MY) वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। दरअसल, प्रशांत किशोर ने यह भी ऐलान कि उनकी पार्टी 40 मुस्लिम उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव में उतारेगी। यह RJD के पारंपरिक MY समीकरण को कमजोर कर सकता है, क्योंकि मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो सकता है।
दरअसल, प्रशांत किशोर ने दलित नेता मनोज भारती को अध्यक्ष बनाकर और गांधी-आंबेडकर के प्रतीकों का उपयोग कर दलित और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) वोटों को आकर्षित करने की कोशिश की है। यह NDA के EBC और दलित समर्थन को कमजोर कर सकता है, जो JDU और BJP दोनों के लिए महत्वपूर्ण है।
आरसीपी सिंह की नई पार्टी "आप सबकी आवाज" (आसा) के बिहार की राजनीति में प्रवेश से दोनों प्रमुख गठबंधनों में से एनडीए को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। बता दें कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू एनडीए गठबंधन का हिस्सा है। वहीं नीतीस कुमार और आरसीपी सिंह दोनों कुर्मी समुदाय से हैं। कुर्मी वोटर, जो परंपरागत रूप से JDU का मजबूत आधार रहे हैं, अब बंट सकते हैं, क्योंकि आरसीपी सिंह अपनी नई पार्टी के जरिए इस समुदाय को लक्षित कर रहे हैं।
शिवदीप लांडे की ‘हिंद सेना’ पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकती है। शिवदीप लांडे की ‘हिंद सेना’ पार्टी का नाम और प्रतीक (त्रिपुंड, खाकी रंग) राष्ट्रवाद और हिंदुत्व की भावना को दर्शाते हैं, जो BJP के कोर वोटरों (विशेषकर सवर्ण और हिंदू समुदायों) को आकर्षित कर सकते हैं। उनकी पार्टी का जोर ‘जय हिंद’ और राष्ट्रवाद पर है, जो BJP की विचारधारा से मेल खाता है, इससे BJP के वोट बैंक में सेंध लग सकती है। इसके अलावा लांडे ने युवाओं को अपनी पार्टी का मुख्य लक्ष्य बताया है, जो बिहार में फ्लोटिंग वोटरों का एक बड़ा हिस्सा हैं। ये वोटर परंपरागत रूप से BJP और JDU हैं।
हाल ही में आईपी गुप्ता ने इंडियन इंकलाब पार्टी का गठन किया था। आगामी विधानसभा चुनाव में आईपी गुप्ता की पार्टी इंडिया गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि आईपी गुप्ता ने अखिल भारतीय पान महासंघ के अध्यक्ष के रूप में तांती-ततवा समाज को एकजुट करने का प्रयास किया। यह समुदाय कुछ विधानसभा क्षेत्रों में प्रभावी है और परंपरागत रूप से RJD और कांग्रेस जैसे दलों को समर्थन देता रहा है। गुप्ता की पार्टी इस वोट बैंक में सेंध लगा सकती है, जिससे इंडिया गठबंधन को नुकसान हो सकता है।
Published on:
16 Apr 2025 04:11 pm
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