Bihar Elections: बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सीवान से चुनावी बिगुल फूंका, तो दूसरी ओर इस दौरे को लेकर विपक्ष के हमले भी शुरू हो गए। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी की रैली पर सवाल खड़े करते हुए दावा किया कि भीड़ जुटाने के लिए प्रशासन का सहारा लिया गया था। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने तेजस्वी को आड़े हाथों लेते हुए 90 के दशक की याद दिला दी।
चिराग पासवान ने कहा कि 90 का दशक ही गवाह है कि जनता के पैसे का किसने दुरुपयोग किया। उस समय हालात इतने खराब थे कि लोगों को अपना घर, गांव और कारोबार छोड़कर पलायन करना पड़ा।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि आज बिहार में 'रिवर्स माइग्रेशन' की स्थिति बन गई है। कोविड-19 के दौरान करीब 25 लाख लोग बिहार लौटे हैं और यहां अपने लिए रोजगार के अवसर खोज रहे हैं। उन्होंने कहा, 'ये जंगलराज नहीं, डबल इंजन की सरकार है, जो बिहार को विकास की पटरी पर तेजी से आगे बढ़ा रही है।'
इससे पहले तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी की सीवान रैली को लेकर तंज कसते हुए कहा था कि इस रैली में भीड़ जुटाने के लिए अधिकारियों को लगाया गया। यह खुद इस बात का सबूत है कि पीएम मोदी या सीएम नीतीश कुमार जन नेता नहीं हैं। अगर लालू यादव सड़क पर खड़े हो जाएं तो लाखों लोग खुद ब खुद जुट जाते हैं।
तेजस्वी के इस बयान को चिराग पासवान ने जमीनी हकीकत से आंख मूंदने वाला बताया और कहा कि आज बिहार के लोग विकास की राजनीति में भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी को यह समझना चाहिए कि अब बिहार की जनता भावनाओं से नहीं, ठोस विकास से जुड़ती है।
इस पूरी बहस की पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीवान रैली महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उन्होंने 5,900 करोड़ रुपये की लागत से 28 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इनमें रेल, जल शक्ति, आवास और शहरी विकास से जुड़ी योजनाएं शामिल थीं। पीएम मोदी ने वैशाली-देवरिया के बीच रेल लाइन का उद्घाटन भी किया और नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई।
Updated on:
20 Jun 2025 10:12 pm
Published on:
20 Jun 2025 08:57 pm