7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Bihar Politics: मदरसा बोर्ड के कार्यक्रम में CM नीतीश ने टोपी पहनने से किया इनकार! शिक्षकों ने किया हंगामा

Bihar Election: पटना में मदरसा बोर्ड के एक कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार ने टोपी पहनने से इनकार कर दिया। सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी वायरल हो रहा है।

2 min read
Google source verification

पटना

image

Ashib Khan

Aug 21, 2025

CM नीतीश ने टोपी पहनने से किया इनकार (Photo-X)

Bihar Politics: पटना के बापू सभागार में गुरुवार को बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के स्थापना के 100 वर्ष पूरा होने पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार भी पहुंचे थे। इस कार्यक्रम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। दरअसल, इस वीडियो में सीएम नीतीश कुमार अपने मंत्री जमां खान को टोपी पहनाते नजर आ रहे है। इस वीडियो को लेकर कहा जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार ने टोपी पहनने से इनकार कर दिया था। वीडियो वायरल होने पर इस पर राजनीति भी तेज हो गई है।

राजद ने दी प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर राजद की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने सीएम पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पूरी तरह से अचेत हो गए है। वे किसी भी धर्म का सम्मान नहीं कर रहे है। पहले नीतीश कुमार कहते थे कि टोपी भी पहनना है और टीका भी लगाना है। 

मंदिर में टीका लगाने से किया इनकार

राजद नेता ने आगे कहा कि सीएम नीतीश ने सीतामढ़ी में मंदिर में टीका लगाने से मना कर दिया था। अब टोपी लगाने से इनकार कर दिया। उनका ये व्यवहार बताता है कि वो सही स्थिति में नहीं है।

मदरसा शिक्षकों ने किया हंगामा

वहीं दूसरी ओर जब सीएम नीतीश कुमार कार्यक्रम से निकल गए तो मदरसा शिक्षकों ने जमकर हंगामा किया। मदरसा शिक्षकों ने अल्पसंख्यकों को धोखा देने का आरोप लगाया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि सीएम नीतीश कुमार ने टोपी पहनने से मना किया। 

कार्यक्रम में क्या बोले सीएम नीतीश

बता दें कि सीएम नीतीश कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले की सरकार में कोई काम नहीं होता था, लेकिन जब से हमारी सरकार आई है हमने कब्रिस्तान की घेराबंदी करवाई। हमारी सरकार ने मदरसा के शिक्षकों को सरकारी शिक्षक जितना वेतन दिया जा रहा  है। हमने पहली बार समान वेतन शुरू किया।