
Bihar Politics: बिहार में अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिश्तोदारों में बांट दिया गया है। सरकार ने बिहार में विधान सभा चुनाव से पहले अल्पसंख्यक, सवर्ण, महादलित, एससी-एसटी और मछुआरा आयोग का गठन कर दिया गया है। नीतीश सरकार ने इन आयोगों का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिश्तेदारों के बीच बांट दिया है। सीएम नीतीश ने इससे जीतन राम मांझी और चिराग पासवान दोनों को खुश कर दिया है। सीएम नीतीश ने जीतनराम मांझी के दामाद को अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष तो चिराग पासवान के जीजा को आयोग का अध्यक्ष बनाया है।
नीतीश सरकार ने चिराग पासवान के जीजा और लोजपा (आर) के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय कुमार उर्फ मृणाल पासवान को अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया है। मुणाल पासवान 2020 में राजा पाकड़ विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुके है। मृणाल पासवान चिराग पासवान के जीजा हैं और रामविलास पासवान की पहली पत्नी के दामाद। इसके साथ ही सीएम नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी के दामाद को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।
जीतन राम मांझी के बेटा डॉ संतोष सुमन बिहार सरकार में मंत्री हैं। इसके साथ ही उनकी बहू इमामगंज विधानसभा से विधायक हैं। अब नीतीश सरकार ने मांझी के दामाद देवेन्द्र कुमार को अनुसूचित जाति आयोग का उपाध्यक्ष बनाया है। इस प्रकार सीएम नीतीश ने अनुसूचित जाति आयोग का गठन कर सहयोगी दलों के नेताओं के परिवार और रिश्तेदारों को शामिल कर उनके महत्व के साथ साथ चुनावी समीकरण को साधने की भी कोशिश की है। जीतनराम मांझी बिहार में विधान सभा चुनाव में एनडीए पर सीटों को लेकर लगातार दवाब बना रहे थे।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि नीतीश कुमार ने मांझी को खुश करने के लिए उनके दामाद को आयोग की बड़ी अहमियत सौंपी है। आयोग में कुल सात सदस्य हैं, जिनमें अलग-अलग जिलों से आने वाले प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इन सदस्यों में औरंगाबाद के ललन राम, पटना के रूबेल रविदास और अजीत कुमार चौधरी, नालंदा के संजय कुमार, वैशाली के राम नरेश कुमार, भोजपुर के राम ईश्वर रजक और मुंगेर के मुकेश मांझी का नाम प्रमुख है।
Updated on:
01 Jun 2025 01:39 pm
Published on:
01 Jun 2025 01:38 pm
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