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जल्दी-जल्दी बच्चे पैदा करो, Tamil Nadu CM ने वर-वधू से कही यह बात, परिसीमन विवाद का उन्होंने ढूंढा ये उपाय

MK Stalin Wants More Children In Tamil Nadu: नागपट्टिनम में DMK के जिला सचिव के विवाह समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने वर-वधू और लोगों से जल्दी जल्दी बच्चे पैदा करने का आग्रह किया।

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन

MK Stalin Wants More Children In Tamil Nadu: परिसीमन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लेकर जारी विवाद के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को एक असामान्य अपील की है। स्टालिन ने राज्य की जनता से जल्दी जल्दी बच्चे पैदा करने का आग्रह किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि राज्य के सफल परिवार नियोजन उपायों ने अब उन्हें नुकसान में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या आधारित परिसीमन तमिलनाडु के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को प्रभावित कर सकता है और निवासियों से उनकी अपील पर ध्यान देने का आह्वान किया।

विवाह समारोह में पहुंचे सीएम स्टालिन

नागपट्टिनम में DMK के जिला सचिव के विवाह समारोह में पहुंचे स्टालिन ने कहा कि वह पहले नवविवाहितों से फैमिली प्लानिंग के लिए थोड़ा वक्त लेने को कहते थे, लेकिन अब परिसीमन जैसी नीतियों के कारण जिसे केंद्र सरकार लागू करने की योजना बना रही है। अब स्थिति बदल गई है और मैं ऐसा नहीं कहूंगा।

वर-वधू से कहा, जल्दी-जल्दी बच्चे पैदा करो

मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से नवविवाहित जोड़ों को संबोधित करते हुए उन्हें परिसीमन के बाद पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए जल्दी से जल्दी परिवार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने राज्य की सफल परिवार नियोजन पहलों को स्वीकार किया, लेकिन उनके वर्तमान प्रभावों के बारे में चिंता व्यक्त की।

यह भी पढ़ें- परिसीमन के बाद तमिलनाडु की लोकसभा और विधानसभा की कितनी सीटें होंगी कम? Amit Shah ने दिया जवाब

वरना केंद्र में दबदबा हो जाएगा कम

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि जनसंख्या आधारित परिसीमन से तमिलनाडु की संसदीय सीटें प्रभावित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या के आधार पर परिसीमन किया जाता है तो तमिलनाडु को कई सीटों का नुकसान हो सकता है। दक्षिण भारत की सीटें कम हो जाने से केंद्र में प्रतिनिधित्व और दबदबा पर भी असर पड़ेगा। उन्होंने नागरिकों से अनुरोध किया कि वे व्यक्तिगत आपत्तियों को दरकिनार करते हुए उनकी अपील पर गंभीरता से विचार करें।

क्या है परिसीमन?

भारत में लोकसभा और विधानसभा सीटों के निर्धारण के लिए परिसीमन एक संवैधानिक प्रक्रिया है, जो जनसंख्या के अनुसार निर्वाचन क्षेत्रों का आकार और संख्या तय करती है। 1976 में इंदिरा गांधी सरकार ने इसे 25 साल के लिए रोका, जिसे 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 2026 तक बढ़ा दिया। अब यह समयसीमा समाप्त होने वाली है, जिससे परिसीमन प्रक्रिया फिर से शुरू होने की संभावना है। यदि यह लागू हुआ, तो लोकसभा और विधानसभाओं की सीटों का पुनर्गठन हो सकता है, जिससे राजनीतिक संतुलन और प्रतिनिधित्व में बदलाव आ सकता है।