कानून व्यवस्था और प्रशासन ध्वस्त
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने अपने निजी ट्विटर हैंडल पर मणिपुर में तीन सप्ताह पहले हुई हिंसा के बाद से भाजपा पर राज्य में कानून व्यवस्था के ध्वस्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि मणिपुर के जलने के 25 दिन बाद, केंद्रीय गृह मंत्री की इंफाल की बहुप्रतीक्षित यात्रा की पूर्व संध्या पर हालात बद से बदतर हो गए हैं। अनुच्छेद 355 लागू होने के बावजूद राज्य में कानून व्यवस्था और प्रशासन पूरी तरह चरमरा गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलेगा
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने आगे लिखा, यह एक भयावह त्रासदी सामने आ रही है, जबकि प्रधानमंत्री अपने आत्म-राज्याभिषेक के बारे में पागल हैं। उनके द्वारा शांति की एक भी अपील जारी नहीं की गई और न ही समुदायों के बीच विश्वास के पुनर्निर्माण के लिए कोई वास्तविक प्रयास किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार की सुबह माननीय राष्ट्रपति से भेंट करेगा।
मणिपुर जाएंगे गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार को मणिपुर राज्य का दौरा करेंगे। बताया जा रहा है कि वह 1 जून तक स्थितियों का जायजा लेंगे। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा कि हिंसक घटनाओं और नागरिकों पर हमलों की जांच करने और राज्य में ‘शांति’ बहाल करने के लिए सुरक्षा बलों ने अब तक करीब 40 आतंकवादियों को मार गिराया है।
कैसे भड़की मणिपुर हिंसा
मणिपुर के कई हिस्सों में ताजा हिंसा तब भड़क उठी, जब कथिततौर पर कुकी उग्रवादियों ने सेरोउ और सुगनु इलाके में कई घरों में आग लगा दी। तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में लगभग 75 लोगों की जान लेने वाली जातीय झड़पें हुईं। एसटी के दर्जे की मांग के विरोध में मेइती समुदाय ने इस मार्च का आयोजन किया था। यह भी पढ़ें – मणिपुर दौरे पर रहेंगे अमित शाह