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देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले, 14 दिन में 1% से 11% पर पहुंचा पॉजिटिविटी रेट

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि कोरोना की तीसरी लहर के दौरान देश में तेजी से नए मामले मिले हैं। देश में 14 दिन में ही पॉजिटिविटी रेट 11 गुना बढ़ गया है। जानिए क्या है देशभर में कोरोना का हाल

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IAS Lav Agarwal (Ministry of Health)

देश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। स्वस्थ मंत्रालय ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि, देश में 1.1% पॉजिटिविटी रेट था, जो 12 जनवरी को 11.05% पर पहुंच गया। देश में अब एक्टिव केसेज की संख्या बढ़ कर 9,55,319 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि देश में 14 दिन में ही पॉजिटिविटी रेट 11 गुना बढ़ गया है जो की एक चिंता की बात है। वहीं स्वस्थ मंत्रालय ने बताया कि देश के 8 राज्यों में कोरोना एक बड़ी चुनौती बन रहा है देश के ये 8 राज्य में महाराष्ट्र, बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात हैं।

भारत ही नही पूरे विश्व में बढ़ रहा कोरोना:
हालांकि तेजी से नए मामले बढ़ने का यह ट्रेंड भारत में ही नहीं बल्कि ग्लोबल लेवल पर भी है। दुनिया के 159 देशों में तेजी से नए केस बढ़े हैं, जिनमें यूरोप के 8 देशों में महज दो सप्ताह में ही दोगुने नए मामले सामने आए हैं।

देश में 8 राज्यों में संक्रमण तेज:
लव अग्रवाल ने कहा, तीसरी लहर में 8 राज्य परेशानी का सबब बने हुए हैं, जहां कोविड पॉजिटिविटी रेट हाई है। ये राज्य महाराष्ट्र, बंगाल, दिल्ली, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, केरल और गुजरात हैं। इनमें सबसे ज्यादा 32.18% पॉजिटिविटी रेट बंगाल में है। इसके बाद दिल्ली में 23.1% और महाराष्ट्र में ये दर 22.39% है। चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में 5.71% पॉजिटिविटी रेट है। देश के करीब 300 जिलों में वीकली पॉजिटिविटी रेट 5% से ज्यादा है।

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डिस्चार्ज पॉलिसी में किए गए बदलाव:

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ कोरोना के हालात पर बैठक के बाद डिस्चार्ज पॉलिसी को बदला गया है। अब हल्के मामलों में पॉजिटिव पाए जाने के 7 दिन बाद और नॉन-इमरजेंसी केसेज में 3 दिन बाद डिस्चार्ज किया जा सकता है और इससे पहले टेस्ट की जरूरत नहीं है। सामान्य संक्रमण वाले मामलों में अगर लक्षण घट रहे हों और 3 दिन तक मरीज का ऑक्सीजन लेवल 93% हो तो उसे डिस्चार्ज किया जा सकता है।

किस स्थिति में जांच की जरूरत नहीं:
उन्होंने बताया कि जिनमें लक्षण पाए जा रहे हैं और उनके संपर्क में जो भी आ रहा है, उसका टेस्ट किया जाना जरूरी है। बिना लक्षणों वाले केसों में टेस्ट की जरूरत नहीं है, जब तक कि वे खतरे वाली श्रेणी में न हों। इनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों के लिए 7 दिन का होम क्वारैंटाइन जरूरी है।

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