वहीं, तमिलनाडु के चिदंबरम शहर में भी करीब ऐसा ही एक मामला तब सामने आया, जब दक्षिण अफ्रीका से लौटे एक परिवार के सदस्यों की जांच की गई, जिसकी रिपोर्ट रविवार को सामने आई। इसमें सभी के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। अब परिवार के सदस्य कोरोना के ओमिक्रान वेरिएंट से संक्रमित हैं या नहीं, इसके लिए सैंपल को आगे की जांच के लिए भेजा गया है।
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने रविवार बताया कि मंडी जिले के लोवर खैलर स्थित एक महिला बीते 3 दिसंबर को कनाडा से भारत लौटी, जिसके बाद उसे क्वारंटीन रखा गया। 12 दिसंबर को उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद 18 दिसंबर को उसके सैंपल नई दिल्ली स्थित एनसीडीसी को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए। यहां से आई रिपोर्ट में महिला के ओमिक्रान वेरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
अवस्थी ने बताया कि हमें यह रिपोर्ट रविवार को दिल्ली से मिली है। हालांकि, अवस्थी ने यह भी कहा कि इलाज के बाद महिला इस वेरिएंट से रिकवर हो चुकी है और उसकी प्राथमिक रिपोर्ट 24 दिसंबर को निगेटिव आई है, मगर आगे और जांच की जा रही है। अवस्थी ने बताया कि महिला ने एस्ट्रेजेनेका वैक्सीन की दोनों डोज ली हुई है। 25 अप्रैल को उसने वैक्सीन की दूसरी डोज ली थी। अवस्थी ने बताया कि महिला भारत आने के बाद अब तक अपने माता-पिता और बहन के संपर्क में आई है। हमें उनकी प्राथमिक जांच रिपोर्ट मिली है, जो निगेटिव है।
वहीं, तमिलनाडु के चिदंबरम शहर में दक्षिण अफ्रीका से लौटा एक परिवार कोविड से संक्रमित पाया गया है। रिपोर्ट के बाद दंपति और उनके बच्चे के नमूने ओमिक्रॉन वैरिएंट की जांच के लिए भेजे गए हैं। परिवार 15 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका से आया था। उनका एक टेस्ट किया गया था जिसमें वे कोविड से संक्रमित नहीं थे। उसके बाद उन्हें आठ दिन के लिए होम क्वारंटीन में रहने को कहा गया था।
कोविड-19 प्रोटोकॉल के आधार पर विदेश से आने वाले यात्रियों को आठ दिन के लिए क्वारंटीन में रहना होता है। इस दौरान यात्रियों को कोविड टेस्ट से गुजरना पड़ता है जिसमें दंपति और उनके बच्चे के नमूने 23 दिसंबर को फिर से टेस्ट के लिए लिए गए थे, जहां टेस्ट में वे कोविड से संक्रमित पाए गए हैं। उन्हें राजा मुथैया मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनके नमूने चेन्नई की प्रयोगशाला में जीनोम सीक्वन्सिंग के लिए भेजे गए हैं।