6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दिल्ली प्रदूषण : बारिश से थोड़ी राहत, लेकिन हवा खराब, लोगों को हो रही है ये परेशानियां

दिल्ली - एनसीआर की हवा में बारिश होने के बाद थोड़ा सा सुधार होता दिखाई दे रहा है, लेकिन हालात अभी भी बदतर बने हुए हैं। एक्यूआई में गिरावट बहुत ज्यादा दर्ज नहीं की गई है।

2 min read
Google source verification
delhi_air_pollution90.jpg

देश की राजधानी दिल्ली में बीते दिनों वायु प्रदूषण बहुत ही खराब स्तर पर पहुंच गया था। बारिश होने के कारण इसमें काफी सुधार आया है। लेकिन अभी भी हवा खराब बनी हुई है। मौसम साफ और खुला जरूर लग रहा है लेकिन हवा अभी भी जहरीले बनी हुई है। बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा इस प्रदूषण के चलते स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और खास तौर से यह अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। बढ़ते प्रदूषण को लेकर अगर आपको घर से बाहर निकलना है तो तमाम तरह की सावधानियों का पालन करने के साथ ही बाहर निकलना होगा। नहीं तो आप कई बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।


रोजाना हजारों मरीज पहुंचे रहे अस्पताल

अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक, रोजाना ओपीडी में करीब 200 से 250 बच्चों को उनके परिजन प्रदूषण के चलते होने वाली बीमारियों को लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं महिला पुरुष और बुजुर्गों का आंकड़ा अगर देखा जाए तो संख्या 450 मरीज प्रतिदिन पहुंच रही है। यह आंकड़ा सिर्फ जिला अस्पताल के हैं अगर अन्य सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़ों को जोड़ा जाए तो संख्या प्रतिदिन हजारों में पहुंच जाएगी।

गर्भवती महिलाओं के लिए घातक

खराब प्रदूषण को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि गर्भवती महिला के लिए भी यह बहुत नुकसानदेह है। इस प्रदूषण के चलते अगर वह बाहर बहुत ज्यादा अपना समय बिता रही है तो उनके बच्चे की डिलीवरी प्री मच्योर हो सकती है और उस बच्चे को काफी दिक्कतें आ सकती है।

अस्थमा, आंखों में जलन और स्किन इन्फेक्शन की परेशानियां

अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक, इस बढ़ते प्रदूषण के चलते बच्चों और बुजुर्गों को काफी ज्यादा दिक्कत हो रही है। इन दिक्कतों में सांस लेने की परेशानी, आंखों में जलन और स्किन इन्फेक्शन जैसे रोगों से लोग परेशान हो रहे हैं। डॉक्टर से मिली जानकारी के मुताबिक, यह प्रदूषण अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद खतरनाक होता है। उन्हें बाहर निकलने के बाद अटैक भी आ सकता है।

यह भी पढ़ें- धूम-धड़ाके से मनाएं दिवाली: लेकिन ग्रीन पटाखे ही फोड़ें, कैसे पहचाने असली हैं या नकली


जानिए क्या है सरकारी दावे

नोएडा के प्राधिकरण और गाजियाबाद के नगर निगम लाख दावे और वादे करें और मुस्तैदी के लिए अफसर की तैनाती की भी बात बताते रहे, लेकिन उससे सड़कों पर उड़ती धूल, निर्माण कार्यों से होने वाला नुकसान और अन्य वजह जिससे प्रदूषण फैलता है, उनमें कोई भी रूकावट या गिरावट देखने को नहीं मिल रही है।

यह भी पढ़ें- वायु प्रदूषण बढ़ा रहा है ब्लड शुगर का स्तर, 7 साल के रिसर्च में हुए कई खुलासे


यह भी पढ़ें- दिवाली से पहले हरियाणा में मौत का ताडंव: अब तक 18 लोगों की मौत, 12 को बचाया