
Delhi Politics: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को धमकी भरे कॉल आने के बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पहले उनको वाई कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी, अब खतरे की आशंका का आकलन के बाद वीरेंद्र सचदेवा को जेड कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है। अब मुख्यमंत्री के बराबर बीजेपी अध्यक्ष की सुरक्षा हो गई है। गृह मंत्रालय (एमएचए) की 'येलो बुक' के अनुसार, जिसमें वीआईपी और वीवीआईपी के लिए सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में दिशानिर्देश हैं, एक 'जेड' श्रेणी के सुरक्षाकर्मी को करीब 22-25 कर्मी मिलते हैं, जिनमें निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ), एस्कॉर्ट, वॉचर और आठ स्टैटिक आर्म गार्ड शामिल हैं। 'वाई' श्रेणी सुरक्षा की बात करें तो इसमें 8 से 10 सुरक्षाकर्मी मिलते हैं, जिनमें छह पीएसओ और चार स्टैटिक सशस्त्र गार्ड शामिल हैं।
दिल्ली पुलिस ने आकलन के बाद 26 अप्रैल को सचदेवा की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि सुरक्षा बढ़ाने के विशिष्ट कारणों का खुलासा नहीं कर सकते। फिलहाल खतरे का गहन आकलन करने के बाद यह फैसला लिया गया है। बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा की शनिवार से सुरक्षा में इजाफा किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि जेड कैटेगरी में 20 से 22 कर्मियों सुरक्षा में तैनात रहेंगे। इसमें चार से छह कमांडो और पुलिसकर्मी शामिल होंगे। इसके साथ ही नेता के काफिले में एक पायलट वाहन भी रहेगा। संभावना जताई जा रही है कि वीरेंद्र सचदेव की सुरक्षा में इजाफा हो सकता है। एक हफ्ते में वीरेंद्र सचदेवा की सुरक्षा बढ़ाकर जेड प्लस कर दी जाएगी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा दिल्ली कैबिनेट में 'जेड' श्रेणी की सुरक्षा वाले दो मंत्री हैं। 55 वर्षीय सचदेवा 1988 से राजनीति में सक्रिय हैं और उन्होंने पार्टी महासचिव और उपाध्यक्ष सहित कई भूमिकाएं निभाई हैं, इस पद पर उन्हें 2020 में नियुक्त किया गया था। उन्हें मार्च 2023 में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इससे पहले, उन्होंने 2022 में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों में पार्टी की हार के बाद पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कदम रखा था।
सुरक्षा कवर के छह ग्रेड हैं: एक्स, वाई, वाई प्लस, जेड, जेड प्लस और विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी)। एसपीजी विशेष रूप से प्रधानमंत्री और उनके निकटतम परिवार के लिए है। अन्य सुरक्षा श्रेणियां किसी भी व्यक्ति को सौंपी जा सकती हैं, जिसके लिए केंद्र या राज्य सरकारों को संभावित खतरे के संबंध में खुफिया जानकारी मिली हो।
Updated on:
29 Apr 2025 09:03 am
Published on:
29 Apr 2025 09:02 am
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