
Security Categories in India: आपने कई बार X, Y, Z, Z+ सिक्योरिटी के बारे में सुना होगा। भारत में कुछ चुनिंदा और बड़े औदे पर काबिज लोगों को खास तरह की सिक्योरिटी उपलब्ध कराई जाती है। देश में X, Y, Y+, Z, Z+ और NSG सुरक्षा श्रेणियां विशेष रूप से उन व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई हैं, जिन्हें उच्च स्तर के खतरे का सामना करना पड़ता है। ये श्रेणियां खुफिया एजेंसियों द्वारा किए गए आकलन के आधार पर निर्धारित की जाती हैं, जिसमें व्यक्ति को संभावित खतरे के स्तर का विश्लेषण किया जाता है। प्रत्येक श्रेणी में सुरक्षा के स्तर के अनुसार सुरक्षाकर्मियों की संख्या और तैनात की जाने वाली इकाइयों का निर्धारण होता है। अपने देश में यह सिक्योरिटी 6 तरह की होती है। बहुत से लोगों पता नहीं होता है कि किस सिक्योरिटी में कितने जवान होते है। आज आपको अपने देश की सभी सिक्योरिटी के बारे में बताने जा रहे है।
भारत में VVIPs और अन्य विशिष्ट व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान करने का मुख्य उद्देश्य उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है, विशेषकर तब जब उन्हें किसी प्रकार के खतरे का सामना करना पड़ रहा हो। यह सुरक्षा खुफिया ब्यूरो (Intelligence Bureau - IB) या अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संभावित खतरे का आकलन करने के बाद दी जाती है। सुरक्षा को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है, और जिस व्यक्ति पर जिस तरह का खतरा होता है, उसे उसी के अनुसार सुरक्षा प्रदान की जाती है। भारत में सुरक्षा की प्रमुख श्रेणियाँ हैं।
X कैटेगरी की सुरक्षा भारत में सबसे निम्न स्तर की सुरक्षा श्रेणी मानी जाती है। इस श्रेणी में केवल 2 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं, जिनमें से एक व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSO) होता है।
सुरक्षाकर्मी: कुल 2 सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं।
पीएसओ (Personal Security Officer): इन सुरक्षाकर्मियों में से एक पीएसओ होता है, जो सीधे उस व्यक्ति की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है।
खतरे का स्तर: यह सुरक्षा उन व्यक्तियों को दी जाती है जिनपर खतरे का स्तर अपेक्षाकृत कम होता है।
Y कैटेगरी की सुरक्षा में कुल 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, जिसमें दो व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSO) भी शामिल होते हैं। इस श्रेणी में सुरक्षा का स्तर X कैटेगरी से अधिक होता है, लेकिन इसमें कमांडो शामिल नहीं होते हैं।
सुरक्षाकर्मी: कुल 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं।
पीएसओ (Personal Security Officer): इन 11 सुरक्षाकर्मियों में से दो PSO होते हैं, जो व्यक्ति की सुरक्षा का सीधा जिम्मा संभालते हैं।
कमांडो: इस श्रेणी में कोई कमांडो तैनात नहीं होते हैं।
खतरे का स्तर: यह सुरक्षा उन व्यक्तियों के लिए होती है जिन पर मध्यम स्तर का खतरा होता है, लेकिन वह स्तर इतना नहीं होता कि Z या Z+ श्रेणी की सुरक्षा की जरूरत पड़े।
Y+ कैटेगरी की सुरक्षा उन व्यक्तियों को दी जाती है जिनके खिलाफ संभावित खतरे का स्तर Y कैटेगरी से अधिक होता है, लेकिन यह Z कैटेगरी जितना गंभीर नहीं होता। इस श्रेणी में कुल 11 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं, जिनमें 1 या 2 कमांडो और 2 व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (PSO) शामिल होते हैं।
सुरक्षाकर्मी: कुल 11 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं।
कमांडो: इसमें 1 या 2 कमांडो शामिल होते हैं, जो विशेष सुरक्षा प्रशिक्षण प्राप्त होते हैं और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए तैयार होते हैं।
पीएसओ (Personal Security Officer): 2 PSO होते हैं, जो व्यक्ति की सुरक्षा का सीधा जिम्मा संभालते हैं।
खतरे का स्तर: यह सुरक्षा उन व्यक्तियों के लिए होती है जो सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और जिनके खिलाफ मध्यम से उच्च स्तर का खतरा हो सकता है।
Z कैटेगरी की सुरक्षा भारत में उच्च-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था मानी जाती है, जो उन व्यक्तियों को दी जाती है जिनपर गंभीर खतरे की संभावना होती है। इस श्रेणी की सुरक्षा में कुल 22 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, जिसमें NSG कमांडो, दिल्ली पुलिस, ITBP, CRPF के सुरक्षाकर्मी, और स्थानीय पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
सुरक्षाकर्मी: कुल 22 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं।
NSG कमांडो: इस श्रेणी में चार से पांच NSG (National Security Guard) कमांडो शामिल होते हैं। ये कमांडो विशेष रूप से आतंकवाद और अन्य गंभीर खतरों से निपटने के लिए प्रशिक्षित होते हैं।
दिल्ली पुलिस, ITBP, CRPF: इसके अलावा, दिल्ली पुलिस, ITBP (Indo-Tibetan Border Police), CRPF (Central Reserve Police Force) के सुरक्षाकर्मी भी इस सुरक्षा में शामिल होते हैं।
स्थानीय पुलिसकर्मी: सुरक्षा व्यवस्था में स्थानीय पुलिसकर्मियों की भी भूमिका होती है, जो जमीनी स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
खतरे का स्तर: Z कैटेगरी की सुरक्षा उन व्यक्तियों के लिए होती है जिनपर उच्च स्तर का खतरा मंडराता है, जैसे कि राजनेता, महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारी, या अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति जिनकी सुरक्षा आवश्यक मानी जाती है।
Z+ कैटेगरी की सुरक्षा भारत में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के बाद सबसे उच्च स्तर की सुरक्षा श्रेणी मानी जाती है। यह सुरक्षा व्यवस्था उन विशिष्ट व्यक्तियों को प्रदान की जाती है जिनपर अत्यधिक गंभीर खतरा होता है। इस श्रेणी में सुरक्षा के लिए कुल 55 सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाते हैं, जिसमें 10 से अधिक NSG कमांडो शामिल होते हैं, और दिल्ली पुलिस, ITBP, CRPF के कमांडो, और राज्य के पुलिसकर्मी भी इस सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा होते हैं।
सुरक्षाकर्मी: कुल 55 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं।
NSG कमांडो: 10 से अधिक NSG (National Security Guard) कमांडो इस सुरक्षा में शामिल होते हैं। ये कमांडो आतंकवाद और अन्य गंभीर खतरों से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित होते हैं।
दिल्ली पुलिस, ITBP, CRPF: दिल्ली पुलिस, ITBP (Indo-Tibetan Border Police), और CRPF (Central Reserve Police Force) के कमांडो भी इस सुरक्षा का हिस्सा होते हैं।
राज्य पुलिसकर्मी: इसके अलावा, राज्य पुलिसकर्मी भी इस सुरक्षा व्यवस्था में शामिल होते हैं, जो जमीनी स्तर पर सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।
खतरे का स्तर: Z+ कैटेगरी की सुरक्षा उन व्यक्तियों को दी जाती है जिनपर अत्यधिक गंभीर और सटीक खतरे की संभावना होती है। इसमें प्रधानमंत्री, उच्च-स्तरीय सरकारी अधिकारी, प्रमुख राजनेता, और अन्य विशिष्ट व्यक्ति शामिल होते हैं।
NSG (National Security Guard) कैटेगरी की सुरक्षा विशेष रूप से उन व्यक्तियों को दी जाती है, जिनके जीवन को अत्यधिक गंभीर खतरा होता है, जैसे आतंकवादी हमले या अन्य उच्च-स्तरीय खतरों का सामना करने वाले व्यक्तियों को। NSG सुरक्षा एक विशिष्ट और उच्च-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था है, जो देश के सर्वोच्च सुरक्षा बलों में से एक द्वारा प्रदान की जाती है।
NSG कमांडो: NSG सुरक्षा के तहत, अत्यधिक प्रशिक्षित NSG कमांडो तैनात होते हैं। ये कमांडो विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी ऑपरेशनों, बंधक बचाव, और अन्य उच्च जोखिम वाले स्थितियों के लिए प्रशिक्षित होते हैं।
सुरक्षा उपकरण: NSG सुरक्षा में अत्याधुनिक हथियारों, संचार उपकरणों, और सुरक्षा उपकरणों का उपयोग किया जाता है।
रैपिड रिस्पांस: NSG कमांडो किसी भी खतरे का सामना करने के लिए तेजी से प्रतिक्रिया देने में सक्षम होते हैं। उनका प्रशिक्षण और उपकरण उन्हें आपातकालीन स्थितियों में तुरंत कार्रवाई करने में सक्षम बनाते हैं।
सुरक्षा घेरा: NSG सुरक्षा में एक बहु-स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया जाता है, जिसमें व्यक्ति की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है।
इस श्रेणी की सुरक्षा आमतौर पर Z+ कैटेगरी के तहत आती है, लेकिन NSG सुरक्षा विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए भी प्रदान की जा सकती है जिनपर अत्यधिक गंभीर खतरा हो, जैसे कि प्रमुख राजनीतिक नेता, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारी।
Published on:
02 Sept 2024 02:03 pm
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