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Delhi Election 2025: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (Delhi Assembly Election) की तारीख का अभी ऐलान नहीं हुआ है लेकिन आम आदमी पार्टी ने वोटरों के बीच पहुंचने का सिलसिला बहुत तेज कर दिया है। इसी क्रम में विधानसभा चुनाव को लेकर आप पार्टी ने अपने सभी 70 सीटों के लिए प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। दिलचस्प बात यह है कि आप ने दूसरे दलों से आए नेताओं को भी प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा कई सीटिंग विधायकों के टिकट भी काटे है। टिकट वितरण से पहले अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा था कि जिन विधायकों का फीडबैक अच्छा नहीं होगा उनका टिकट काटा जा सकता है। आप ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की सीट भी बदली है। उन्हें पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से टिकट दिया है। दरअसल, 2020 के विधानसभा चुनाव में सिसोदिया ने महज 3 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी।
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल इस बार जीत की हैट्रिक लगाना चाहते है। 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में आप को जीत मिली थी। हाल ही में चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में महिलाओं की योजनाओं ने पार्टियों को जीत दिलाई थी। इसी लाइन पर चलते हुए केजरीवाल ने महिलाओं के लिए महिला सम्मान योजना की घोषणा की है। इस योजना को आप कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई है। केजरीवाल ने घोषणा की है यदि उनकी सरकार दोबारा बनती है तो महिलाओं के खाते में 2100 रुपये आएंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में आप ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस चुनाव में आप ने 67 सीटें जीती थी। बीजेपी महज 3 सीटों पर ही सिमट गई और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। 2015 का चुनाव आप के लिए बहुत खास था क्योंकि 2013 में कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल दिल्ली के सीएम बने और 49 दिन बाद ही केजरीवाल की सरकार गिर गई। हालांकि इस दौरान केजरीवाल ने कई बड़े फैसले लिए थे, जिसका 2015 के विधानसभा चुनाव में आप को फायदा मिला था और 67 सीटें जीतने में कामयाब रही।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आप ने 62 सीटें जीती थी। बीजेपी को महज 8 सीटें मिली। कांग्रेस इस बार भी अपना खाता नहीं खोल सकी। हालांकि 2020 में आप को 5 सीटों का नुकसान जरूर हुआ था। इस विधानसभा चुनाव में आप को करीब 54 प्रतिशत मत मिले जबकि बीजेपी को 38.51 फीसदी वोट मिले। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया। कांग्रेस के 63 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी।
भले ही AAP ने 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से अपनी सरकार बनाई है, लेकिन इस बार आप के सामने कई चुनौतियां भी है। बता दें कि इस बार आप को एंटी इनकंबेंसी का भी सामना करना पड़ सकता है। केजरीवाल ने एंटी इनकंबेंसी को लेकर कई विधायकों के टिकट भी काटे है। इसके अलावा मुख्यमंत्री रहते अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाले मामले में जेल गए थे। इतना ही नहीं जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा भी दिया था और आतिशी (Atishi) को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाया था। वहीं केजरीवाल के कई बड़े नेताओं पर मामले दर्ज हुए है। वहीं पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, विधायक सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया, अमानतुल्ला खान और नरेश बाल्यान भी जेल जा चुके है। ऐसे में जनता का एक बार फिर विश्वास जीतना केजरीवाल के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। जहां एक तरफ पीएम मोदी का चेहरा है तो वहीं दूसरी तरफ अरविंद केजरीवाल का फेस है। हाल ही में हुए चार राज्यों में चुनाव में बीजेपी ने दो राज्यों महाराष्ट्र और हरियाणा में अपनी सरकार बनाई है। ऐसे में बीजेपी के हौसले बुलंद है। अब दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा यह नतीजों के समय ही पता लगेगा।
Updated on:
17 Dec 2024 04:41 pm
Published on:
17 Dec 2024 04:40 pm
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