
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली आबकारी नीति घोटाले की जांच के सिलसिले में आम आदमी पार्टी (आप) के मीडिया प्रचार प्रभारी विजय नायर और व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया। इसी मामले में सीबीआई ने विजय नायर और अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया था। हैदराबाद के एक प्रमुख व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली का नाम जांच के दौरान सामने आया था। उन्हें जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया और कथिततौर पर इसे गुमराह करने की कोशिश की। एफआईआर में उनका नाम नहीं था। दिल्ली के जोर बाग स्थित व्यवसायी विजय नायर सीबीआई से गिरफ्तार किए जाने वाले पहले व्यक्ति थे।
विजय नायर पर आबकारी नीति बनाने का आरोप
सीबीआई के अनुसार, विजय नायर एक बड़ी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में सीईओ थे। और आम आदमी पार्टी के साथ काम कर रहे हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार की आबकारी नीति (2021-2022) को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने दूसरों के साथ मिल कर कथिततौर पर आपराधिक साजिश रची थी।
अब तक 169 तलाशी अभियान हुए
ईडी ने इससे पहले शराब कंपनी ‘इंडोस्पिरिट’ के प्रवर्तक समीर महेंद्र, शराब कंपनी ‘पर्नोड रिकार्ड’ के महाप्रबंधक बिनॉय बाबू और अरबिंदो फार्मा के पूर्णकालिक निदेशक और प्रवर्तक पी शरद चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया था। अब तक एजेंसी इस मामले में 169 तलाशी अभियान चला चुकी है।
दिल्ली आबकारी नीति मामला जानें क्या है?
दिल्ली में केजरीवाल सरकार नई शराब नीति लेकर आई थी। इस नीति के आने के बाद दिल्ली में शराब कारोबारी ग्राहकों को एक बोतल खरीदने पर दूसरी मुफ्त दे रहे थे। आबकारी नीति 2021-22 की वजह से दिल्ली में शराब दुकानों की संख्या करीब 650 पहुंच गई थी। जांच एजेंसी ने नई शराब नीति में घोटाला का दावा किया था। जिसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को वापस ले लिया। राज्य में एक सितंबर से पुरानी शराब नीति दोबारा लागू कर दी गई है। मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
Updated on:
14 Nov 2022 02:52 pm
Published on:
14 Nov 2022 12:08 pm
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