दरअसल इस मामले में कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए रायगढ़ की एक महिला की ओर से 40 लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलाने की मांग को खारिज कर दिया। यह भी पढ़ेँः
Delhi Weather News Updates Today: दिल्ली के कई इलाकों में हो रही बारिश, गिरेगा तापमान इस याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस मुक्ता गुप्ता ने तारिका तरंगनी लकरा की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही निचली कोर्ट के फैसले को भी सही ठहराया। ये है पूरा मामला
बता दें कि निचली अदालत ने अधिकार क्षेत्र और तथ्यों के आधार पर सिविल लाइन थाना पुलिस को मामला दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया था। इस पर जस्टिस गुप्ता ने कहा कि याची महिला ने इन सभी लोगों के खिलाफ छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी थी, हालांकि यह मामला अभी रायगढ़ में विचाराधीन है।
वहीं महिला ने इन 40 लोगों के खिलाफ इस आधार पर मुकदमे की मांग की है कि इन्होंने पुलिस अधीक्षक को शिकायत देने के बाद ऑफिस के बाहर मीडिया से बात करते हुए शिकायत की जानकारी दी।
इस मामले में महिला का दावा है कि वह एक एनजीओ की कार्यकर्ता है और बेसहारा, मजलूम के हक के लिए लड़ रही है। लेकिन प्रतिवादी बनाए गए लोग गैरकानूनी तरीके से उसके फार्म हाउस पर कब्जा करना चाहते हैं।
इस दौरान इन लोगों ने उसके फार्म हाउस में जबरन घुस कर छेड़छाड़ की और उसकी जाति को लेकर अभद्र टिप्पणियां भी की।
इसके अलावा अखबारों के माध्यम से उस पर लोगों को परेशान करने का आरोप लगाकर उसकी समाज में छवि धूमिल की है। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस की ओर से शिकायत की जानकारी मीडिया को देना आपराधिक मानहानि की श्रेणी में नहीं आना बताया है।
यह भी पढ़ेँः दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने अचानक सुरक्षा ड्यूटी से हटाए 500 पुलिसकर्मी, जानिए पीछे की वजह महिला ने कोर्ट से मुकदमा दर्ज कराने की मांंग कीबता दें कि ऐसे में सभी के खिलाफ मानहानि, छेड़छाड़ और SC-ST एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया जाए. याची ने कहा कि इनका ऑफिस दिल्ली में है और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में दिल्ली में आरोप दिखाए गए हैं. ऐसे में दिल्ली में इस केस को चलाया जा सकता है