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Delhi Riots: जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को बड़ा झटका, साकेत कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

Delhi Riots दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ भाषणों से जुड़े एक मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी है

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Dheeraj Sharma

Oct 22, 2021

JNU Student Sharjeel Imam

JNU Student Sharjeel Imam

नई दिल्ली। दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी ( JNU ) के छात्र शरजील इमाम ( Sharjeel Imam ) को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शरजील की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम ( CAA ) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर ( NRC ) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित भड़काऊ और भड़काने वाले भाषणों से जुड़े एक मामले में जेएनयू छात्र शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

साकेत कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 13 दिसंबर, 2019 के भाषण को सरसरी तौर पर पढ़ने से पता चलता है कि यह स्पष्ट रूप से सांप्रदायिक/विभाजनकारी तर्ज पर है। मेरे विचार में, भड़काऊ भाषणों का समाज की शांति और सद्भाव पर एक दुर्बल प्रभाव पड़ता है।

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दरअसल इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा था कि यूएपीए के तहत राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार जेएनयू छात्र शरजील इमाम ने अपने कथित भड़काऊ भाषणों के जरिए मुसलमानों में निराशा की भावना पैदा करने की कोशिश की थी।

कोर्ट ने आदेश विवेकानंद की पंक्तियों का किया जिक्र
कोर्ट ने अपने आदेश में स्वामी विवेकानंद को भी उद्धृत किया, 'हम वही हैं जो हमें हमारे विचारों ने बनाया है, इसलिए आप जो सोचते हैं, उस पर ध्यान दें, शब्द गौण हैं, विचार जीवित हैं, जो दूर तक जाते हैं।'

शरजील ने कहा वो शांतिप्रिय नागरिक
जमानत याचिका में शरजील इमाम ने दावा किया था कि उन्होंने किसी भी विरोध या प्रदर्शन के दौरान कभी भी किसी हिंसा में हिस्सा नहीं लिया। वह एक शांतिप्रिय नागरिक है। यही नहीं सुनवाई के दौरान इमाम के अधिवक्ता तनवीर अहमद मीर ने अदालत में उनके भाषणों के कुछ अंश पढ़े और कहा कि वे राजद्रोह कानून के तहत नहीं आते हैं।

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बता दें कि गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम ( UAPA ) के आरोप में गिरफ्तार शरजील इमाम ने उत्तर-पूर्वी हुई दिल्ली हिंसा से संबंधित एक मामले में एक स्थानीय अदालत से जुलाई महीने में जमानत मांगी थी।

नागरिकता संशोधन कानून ( CAA ) के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा के बीते वर्ष 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 700 अन्य घायल हुए थे।