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दिल्ली में कम नहीं हुआ प्रदूषण का स्तर तो बंद हो सकते हैं स्कूल, NCPCR ने सरकार को भेजा नोटिस

Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली की जहरीली हवा बच्चे, बुर्जुग और बीमार लोगों के लिए ज्यादा हानिकारक है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यदि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ तो स्कूलों को बंद करना पड़ेगा।

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Delhi Schools may be Closed due to Air Pollution, NCPCR send notice to Delhi Govt

Delhi Air Pollution: दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। बुधवार को भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में रिकॉर्ड की गई। आज भी इसमें कोई खास सुधार की गुंजाइश नहीं है। बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए शहर के डॉक्टरों ने भी लोगों, खासकर बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है। इस दौरान श्वसन संबंधी प्रभावों का गंभीर जोखिम होता है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी शहर में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच लोगों से घर से काम करने और निजी वाहनों के इस्तेमाल से बचने की अपील की। पूसा में, एक्यूआई 359 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि पीएम 10 को 'खराब' श्रेणी के तहत 269 पर दर्ज किया गया। इस बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से बच्चों की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों के बारे में दिल्ली सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। नोटिस में कहा गया है कि प्रदूषण रोकने में सरकार विफल रही है, ऐसे में स्कूल बंद करने पर विचार किया जाना चाहिए।


आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव को भेजे नोटिस में कहा है कि गंभीर स्तर का वायु प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, खासकर बच्चों को ज्यादा प्रभावित करता है। आयोग ने ये भी कहा कि इससे कई तरह की बीमारियां होती हैं, जो बुजुर्गों और बच्चों के लिए खतरनाक हैं।

आयोग ने नोटिस में कहा कि ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण रोकने में विफल रही है। ऐसे में आयोग द्वारा यह अनुशंसा की जाती है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार को उचित कार्रवाई करने पर विचार करना चाहिए। वायु गुणवत्ता में सुधार होने तक स्कूलों को बंद करने का निर्णय लेने पर विचार करना चाहिए।


राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण के खतरनाक स्तर के कारण स्कूली बच्चों की सुरक्षा चिंता का विषय है। अभी तक दिल्ली की राज्य सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। बच्चे स्कूल आने जाने में और खेल के मैदानों में जहरीली हवा के प्रकोप में हैं।

आयोग ने दिल्ली सरकार से स्कूलों को बंद करने के निर्णय के संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर साझा करने और 3 दिनों के भीतर वायु प्रदूषण को लेकर एक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट साझा करने को कहा है।


इधर दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली के बच्चों के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए भाजपा ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखकर दिल्ली के स्कूलों में छुट्टी घोषित कर ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से पढ़ाई करवाने की मांग की है। दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने लिखा कि, दिल्ली का प्रदूषण अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है।

भाजपा नेता ने आगे कहा कि पंजाब में जल रही पराली के कारण दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो रही है। ऐसे में मेरा आपसे निवेदन है कि बच्चों को स्कूल से फिलहाल छुट्टी दे दी जाए और उन्हें घर से ही ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से पढ़ाया जाए। ये व्यवस्था प्रदूषण के कम होने तक जारी रहे, ताकि बच्चों को बीमार पड़ने से बचाया जा सके।

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इधर सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के लोधी रोड पर, पीएम 2.5 एकाग्रता के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी के तहत 326 पर और पीएम 10 'खराब' श्रेणी के तहत 239 पर था। आयानगर में, पीएम 2.5 345 या 'बहुत खराब' श्रेणी में था, जबकि पीएम 10 'खराब' श्रेणी में 299 पर पहुंच गया।

शहर के मथुरा रोड पर वायु गुणवत्ता सूचकांक भी 'बहुत खराब' श्रेणी में था, जिसमें पीएम 2.5 355 और पीएम 10 की एकाग्रता 'खराब' श्रेणी के तहत 289 थी।

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