
Dera Sacha Sauda Chief Ram Rahim: हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को मंगलवार को एक बार फिर पैरोल मिल गई है। इस बार राम रहीम 30 दिनों के लिए जेल से बाहर आए है। रोहतक प्रशासन ने राम रहीम को आज यानी 28 जनवरी 2025 की सुबह 5:26 मिनट पर गुपचुप तरीके से जेल से बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि इस बार राम रहीम सिरसा डेरे में रहेंगे। इससे पहले राम रहीम को 11 बार पैरोल और फरलो मिली है। दिल्ली चुनाव से पहले एक बार फिर राम रहीम जेल से बाहर आए है। पहले भी चुनाव से पहले पैरोल मिल चुकी है।
गुरमीत राम रहीम सिंह ने पैरोल मिलने के बाद एक बयान जारी कर अपने अनुयायियों से अपील की है। उन्होंने कहा कि परमात्मा की कृपा से मैं आपके दर्शनों के लिए फिर से आपकी सेवा में आया हूं और इस बार सिरसा धाम में आया हूं। मेरी सभी अनुयायियों से प्रार्थना है कि आप लोग सिरसा धाम में न आएं। अपनी-अपनी जगह पर रहकर ही हमें दर्शन दें। जैसे भी सेवादार आपको कहेंगे, उस पर ही अमल करना है।
पिछले चार सालों में यह राम रहीम सिंह की 12वीं पैरोल है। अगस्त 2017 में दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद पहली बार वह 10 दिनों के लिए सिरसा स्थित अपने डेरे में रहेंगे। बाद में वह उत्तर प्रदेश के बागपत में रहेंगे। राम रहीम को पिछली बार 20 दिन की पैरोल दी गई थी, जो पिछले साल 5 अक्टूबर को हरियाणा में मतदान से चार दिन पहले मिली थी। अपने अनुयायियों के वोटों को प्रभावित करने की उनकी क्षमता के कारण उन्हें पंजाब और हरियाणा के राजनीतिक नेताओं और पार्टियों द्वारा लगभग दो दशकों तक संरक्षण दिया गया था।
पिछली बार उन्होंने अपने पिता मगहर सिंह की पुण्यतिथि का हवाला देते हुए पैरोल मांगी थी, जो 5 अक्टूबर को पड़ती है, जिसे परमार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है। बीते साल अक्टूबर से पहले हरियाणा सरकार ने उन्हें अगस्त में 21 दिन की छुट्टी दी थी, जो 2 सितंबर को समाप्त हो गई। राम रहीम वर्तमान में राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से 250 किलोमीटर दूर रोहतक की उच्च सुरक्षा वाली सुनारिया जेल में बंद है।
इससे पहले, हाई कोर्ट ने अपनी दत्तक बेटियों की शादी समारोह में शामिल होने के लिए राम रहीम की पैरोल याचिका को खारिज कर दिया था। स्वयंभू धर्मगुरु को दो महिलाओं से बलात्कार के लिए अगस्त 2017 में 20 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। साल 2019 में पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने भी उन्हें और तीन अन्य को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
Updated on:
28 Jan 2025 03:26 pm
Published on:
28 Jan 2025 10:07 am
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