
Diwali 2024: सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहां, जिंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहां। ख्वाजा मीर का यह शेर संदेश देता है कि एक बार उम्र बीतने के बाद फिर सफर आसान नहीं रहता। यही वजह है कि सैर-सपाटे के शौकीन मौका मिलने पर घूमने निकल पड़ते हैं। आप भी घुमक्कड़ हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। बात धार्मिक पर्यटन की करें तो इसमें बीते वर्षों में जबर्दस्त उछाल आया है। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पर्यटन निखरा है तो बनारस की गलियां और गंगा के घाट भी आकर्षित करते हैं। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन मध्यप्रदेश में धार्मिक पर्यटन का केंद्र बन चुकी है। इसी तरह अन्य स्थलों पर दीपावली की छुट्टी मनाने कई लोग निकल पड़े हैं तो कई प्लानिंग कर रहे हैं। कुल मिलाकर उजास के इस त्योहार पर घरों के साथ ही पर्यटन सेक्टर भी दमकेगा।
इस साल की पहली छमाही में 32 करोड़ 98 लाख 18 हजार पर्यटक उत्तरप्रदेश पहुंच चुके हैं। इनमें 32 करोड़ 87 लाख 81 हजार घरेलू और 10 लाख 36 हजार 774 विदेशी हैं। बात अयोध्या की करें तो 10 करोड़ 99 लाख 69 हजार 702 घरेलू और 2,851 विदेशी पर्यटक यानि 10 करोड़ 99 लाख 72 हजार 553 पर्यटक पहुंचे हैं। जुलाई से सितंबर मानसून सीजन में पर्यटन का अंदाजा लगाएं तो यह संख्या लगभग तीन करोड़ होती है। दूसरे नंबर पर वाराणसी में 4.61 करोड़ पर्यटक पहुंचे।
दीपावली के दिन ही भगवान श्रीराम वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे। यहां सरयू नदी के तट पर अनगिनत दीए जलाए जाते हैं। नई दिल्ली की ट्रेवल टैगलाइन के फाउंडर विशाल सिंह के अनुसार अयोध्या में दिसंबर तक के लिए बुकिंग फुल हो चुकी है। पर्यटक प्रयागराज, वाराणसी में होटल आदि अयोध्या की दीपावलीऔर दीपोत्सव देखने के लिए बुक करा रहे हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 के बाद से भारत में एक वर्ष में तीन से ज्यादा यात्राएं करने वाले लोगों की संख्या 25 प्रतिशत बढ़ी है। धार्मिक पर्यटन में 2021 के मुकाबले 2023 में 97 प्रतिशत का इजाफा देखा गया है। अयोध्या के बारे में जानकारी हासिल करने संबंधी गतिविधियां 2022 की तुलना में 2033-24 में 585 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उज्जैन, केदारनाथ, बद्रीनाथ के बारे में भी सर्चिंग करीब 359 बढ़ी है।
मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। महाशिवरात्रि, नागपंचमी, सावन सोमवार पर श्रद्धालुओं का आंकड़ा तीन लाख से पांच लाख तक पहुंच जाता है। यहां ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के अलावा कालभैरव, मंगलनाथ, चिंतामण, हरसिद्धि, गढक़ालिका, इस्कॉन जैसे बड़े मंदिर हैं। श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम भी यहीं है।
आध्यात्मिक जुड़ाव की यह नगरी दीपावली की छुट्टियों में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यहां दीपावली के दो सप्ताह बाद पूर्णिमा की रात देव दीपावली मनाई जाती है, इसकी छटा देखते ही बनती है।
सिटी ऑफ ज्वॉय के नाम से मशहूर कोलकाता में दीपावली मनाने का अनुभव अपने आपमें खास है। यहां दीपावली पर काली माता की पूजा होती है। हावड़ा ब्रिज, पार्क स्ट्रीट, न्यू मार्केट घूमने के लिए खास स्पॉट हैं।
पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर सहित पूरे प्रदेश में दीपावली गुरु हरगोबिंद सिंह की वापसी के सम्मान के रूप में मनाई जाती है। अरदास, कीर्तन होते हैं। रोशनी में स्वर्ण मंदिर की खूबसूरती मन मोह लेती है।
पुष्कर की हवेली दीपावली काफी प्रसिद्ध है। दरअसल, यह वार्षिक ऊंट मेला है। इसमें हजारों ऊंट भाग लेते हैं। उन्हें रंग-बिरंगे कपड़े पहनाए जाते हैं और रैंप पर घुमाया जाताहै। इसी शहर में भगवान ब्रह्मा का इकलौता मंदिर भी है।
गुलाबी शहर यानी राजस्थान की राजधानी जयपुर में त्योहार के दौरान शहर पूरी तरह से सज जाता है। हवा महल, सिटी पैलेस, आमेरगढ़ के किले की खूबसूरती देखने लायक होती है।
भगवान श्रीराम वनवास के दौरान 11 वर्ष तक चित्रकूट में रहे। दीपावली पर देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। मंदाकिनी नदी के रामघाट सहित अन्य घाटों पर दीपदान करते हैं।
आप दक्षिण भारत जाना चाहते हैं तो मदुरै बेहतर विकल्प है। तमिलनाडु में दीपावली का त्योहार नरक चतुर्दशी से शुरू होता है। घरों को कोलम, पान के पत्तों, मेवों, फूलों और फलों से सजाया जाता है। लोग सुबह तेल और उबटन लगाकर स्नान करते हैं। मिट्टी के दीये जलाते हैं।
दीपावली के दौरान दिल्ली, मुंबई, ओडिशा, चंडीगढ़, केरल, बेंगलूरु, असम आदि जगहों पर भी घूमने जा सकते हैं। इन जगहों की दीपावली की रौनक आपको आनंद से सराबोर कर देगी।
Published on:
25 Oct 2024 08:14 am
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