कोरोना और प्रदूषण के चलते रामलीला समितियों ने रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों के आकार को कम कर दिया है। दशहरे पर कहीं 10 फीट तो कहीं 50 से 55 फीट लंबे पुतलों का दहन होगा।
प्रदूषण के चलते पुतलों में पटाखों का इस्तेमाल नहीं होगा। इसके कारण पटाखों की आवाज के लिए डिजिटल आतिशबाजी की व्यवस्था होगी। इसके अलावा कुछ स्थानों पर वर्चुअल तौर पर भी पुतले दहन होंगे।
लालकिला मैदान में कोरोना महामारी और प्रदूषण के चलते पुतलों की लंबाई 30 फीट कर दी गई है। महामारी से पहले तक इनकी लंबाई 110 फीट तक होती थी, यानी इस बार यहां रावण का कद 80 फीट कम हो गया है। रावण दहन के दौरान पटाखों का प्रयोग नहीं होगा। दर्शक डिजिटल आतिशबाजी का नजारा देख सकेंगे। पटाखों की जगह रिकॉर्ड की गई आवाज का प्रयोग किया जाएगा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लवकुश रामलीला कमेटी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यअतिथि होंगे। यहां रामलीला मंचन के साथ शाम 6 बजे बाद रावण का दहन किया जाएगा। लालकिला मैदान में लगी बड़ी स्क्रीन
लालकिला मैदान के 15 अगस्त पार्क में वर्चुअल पुतलों का दहन किया जाएगा। इसके लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। इस स्क्रीन पर वर्चुअल पुतलों का दहन दिखाया जाएगा। स्क्रीन पर दर्शक डिजिटल आतिशबाजी भी देख सकेंगे।
सीबीडी ग्राउंड में भी इस वर्ष पुतलों का आकार 40 से 50 फीट के बीच रखा गया है। पहले लंबाई 75 फीट तक होती थी। प्रदूषण के चलते आकार 30 फीट तक कम किया गया है। साथ ही डिजिटल आतिशबाजी की जाएगी।