
केंद्र सरकार ने ‘डार्क पैटर्न’ अपनाने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार अगर कंपनियां नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उन पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सरकार ने सितंबर में ड्राफ्ट जारी किया था। इसके बाद सभी ई-कॉमर्स कंपनियों और स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक की गई। सरकार ने साफ कर दिया था कि उपभोक्ताओं की पसंद को मैनिपुलेट करना या उसमें बदलाव की कोशिश करने पर ई-कॉमर्स कंपनियों पर कार्रवाई की जाएगी।
जानिए नए नियमों बारे में
नए नियमों के मुताबिक किसी भी तरह के विज्ञापन को छिपाकर पेश करना, उपभोक्ता को बार-बार किसी उत्पाद को लेने के लिए परेशान करना, बिना बताए सब्सक्रिप्शन जारी रखना और सब्सक्रिप्शन बंद करने पर उल्टे-सीधे तरीके से सवाल पूछना भी गाइडलाइन के उल्लंघन के दायरे में आएगा। कई बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां डार्क पैटर्न का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं को गुमराह करती है।
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क्या है डार्क पैटर्न
1. ग्राहकों के लिए झूठी आपात स्थिति बनाना। जैसे कंपनियों का कहना कि यह डील एक घंटे में खत्म हो जाएगी। उपभोक्ता के शॉपिंग कार्ट में कोई चीज अपने आप डाल देना भी इसमें शामिल है।
2. उपभोक्ता को कोई चीज नहीं लेने पर शर्मिंदा करना, कोई चीज जबरदस्ती थोपना, गैर-जरूरी सेवा लेने के लिए उकसाना और सब्सक्रिप्शन के जाल में फंसाना।
3. ऐसी सेवाएं उपलब्ध कराना, जहां से उपभोक्ता आसानी से न निकल सके। किसी समान की जानकारी छोटे शब्दों में देना, जानकारी छिपाना, जानकारी देने के बाद बदल देना और उपभोक्ता से प्लेटफॉर्म फीस के लिए अलग से चार्ज करना।
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Published on:
02 Dec 2023 09:52 am
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