12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

विपक्ष के इस कदम का रिटायर्ड जजों ने किया कड़ा विरोध, लोकतंत्र पर हमले का लगाया आरोप

Retired Judges Against Impeachment Motion: पूर्व जजों ने जस्टिस स्वामीनाथन पर महाभियोग चलाने के विपक्ष के कदम की आलोचना की है। पूर्व जजों ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। यह विवाद कार्तिगई दीपम दिया जलाने की इजाजत देने वाले कोर्ट के आदेश से शुरू हुआ था।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Kuldeep Sharma

Dec 12, 2025

कार्तिगई दीपम का दीया जलाने का आदेश दिया था: न्यायमूर्ति जी आर स्वामीनाथन

Justice G. R. Swaminathan: विपक्ष के 100 से ज्यादा सांसदों ने मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस G. R. Swaminathan को पद से हटाने की मांग की थी। विपक्ष के द्वारा उन्हें पद से हटाने के लिए लाया जा रहा महाभियोग प्रस्ताव का शुक्रवार को भारी विरोध हुआ। इस विरोध में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज और हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस शामिल हैं। जजों ने महाभियोग के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए एक तीखा लेटर जारी किया है। साथ ही उन्होंने महाभियोग जैसे कदम को लोकतंत्र के खिलाफ बताया है। यह विवाद जस्टिस G. R. Swaminathan के एक आदेश के बाद शुरू हुआ था। उन्होंने थिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर दीपाथून पिलर पर कार्तिगई दीपम का दीया जलाने का आदेश दिया था। यह जगह सिकंदर बदूशा दरगाह के पास है और लंबे समय से इसे सेंसिटिव माना जाता है।

जजों ने महाभियोग प्रस्ताव का विरोध किया

कार्तिगई दीपम दीया जलाने की इजाजत देने वाले कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुआ विवाद अब और आगे बढ़ता दिख रहा है। जस्टिस स्वामीनाथन के खिलाफ 100 से ज्यादा सांसदों के महाभियोग प्रस्ताव के बाद सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों और कई हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस समेत 50 से ज्यादा पूर्व जजों ने इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए एक तीखा लेटर जारी किया। उन्होंने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह सांसदों की जजों को डराने-धमकाने की एक बेशर्म कोशिश है। कड़े शब्दों में लिखे बयान में पूर्व जजों ने कहा कि स्वामीनाथन के फैसले को लेकर उन पर महाभियोग चलाने की कोशिश हमारे लोकतंत्र और न्यायपालिका की आजादी की जड़ों को खत्म कर देगी।

क्या है विवादित आदेश

Justice G R Swaminathan ने थिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी पर दीपाथून पिलर पर कार्तिगई दीपम का दीया जलाने का आदेश दिया था। जज ने दरगाह से नजदीकी के आधार पर आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि दीया जलाने से मुस्लिमों के अधिकारों पर असर नहीं पड़ेगा। यह जगह सिकंदर बदूशा दरगाह के पास है और लंबे समय से इसे सेंसिटिव माना जाता है। इस कारण तमिलनाडु सरकार ने कानून-व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देते हुए आदेश पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद हिंदू समर्थक ग्रुप्स और पुलिस के बीच झड़पें हुईं थीं।

DMK ने BJP पर किया हमला

इस फैसले के बाद DMK ने जस्टिस स्वामीनाथ पर 2017 के डिवीजन बेंच के फैसले को बदलने का आरोप लगाया था। साथ ही यह भी चेतावनी दी थी कि इस आदेश से तमिलनाडु के आगामी विधानसभा चुनाव के साथ सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। साथ ही DMK ने BJP पर आरोप लगाते हुए कहा था कि BJP, कोर्ट के इस आदेश का फायदा उठाना चाहती है। साथ ही राजनीति करके राज्य में सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश कर रही है।

BJP ने कहा, कोई अपराध नहीं किया

तमिलनाडु BJP प्रमुख नैनार नागेंथ्रन ने कहा कि महाभियोग का कदम लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने DMK पर अल्पसंख्यकों को खुश करने के लिए न्यायिक अधिकार को चुनौती देने का आरोप लगाया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जस्टिस स्वामीनाथन ने कोई अपराध नहीं किया है। उन्होंने आगे कहा कि जस्टिस स्वामीनाथन ने सिर्फ इसलिए कार्रवाई की क्योंकि मंदिर के अधिकारी और पुलिस दोनों ही व्यवस्था करने में नाकाम रहे हैं।