
सोनिया गांधी (Photo: IANS)
Odisha Congress Ex MLA Letter: ओडिशा कांग्रेस के एक नेता ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को पत्र लिखकर पार्टी के "ओपन हार्ट सर्जरी और गहन संरचनात्मक और वैचारिक नवीनीकरण" का आग्रह किया है। पत्र में यह भी चेतावनी दी है कि "एक सदी पुरानी विरासत हाथ से फिसल रही है - दूसरों की हार से नहीं, बल्कि हमारी अपनी दीवारों के भीतर लिए गए निर्णयों के कारण"।
बाराबती के पूर्व विधायक मोहम्मद मोकिम (Mohammed Moquim) ने 8 दिसंबर को भेजे गए पांच पन्नों के पत्र में ओडिशा में लगातार छह हार और लोकसभा चुनाव में लगातार तीन हार के साथ-साथ बिहार, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू और कश्मीर में 2024 के बाद से हुई हार पर खेद व्यक्त किया। मोहम्मद मोकिम को निचली अदालत द्वारा भ्रष्टाचार का दोषी ठहराए जाने के बाद 2024 के ओडिशा चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था।
मोकिम की शिकायतों की लंबी सूची में यह भी शामिल था कि उन्हें राहुल गांधी से लगभग तीन साल से मुलाकात का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने पत्र में लिखा, "यह कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं है… बल्कि पूरे भारत में श्रमिकों द्वारा महसूस किए जा रहे व्यापक भावनात्मक अलगाव का प्रतिबिंब है (जो खुद को) अनदेखा और अनसुना महसूस करते हैं।"
मोकिम ने अपने पत्र की शुरुआत कुछ इस तरह से की है- "महोदया, मैं आज आपको अत्यंत पीड़ा के साथ लिख रहा हूं… बिहार, दिल्ली और हरियाणा (जिन राज्यों में भाजपा जीती) के हालिया परिणाम केवल चुनावी हार नहीं हैं, बल्कि ये पार्टी के भीतर गहरे मतभेद को दर्शाते हैं। ये हार गलत निर्णयों की एक श्रृंखला, नेतृत्व के भ्रामक चुनाव और गलत हाथों में जिम्मेदारी के केंद्रीकरण ने पार्टी को भीतर से कमजोर कर दिया है।"
उन्होंने आगे लिखा कि अगर हम अब नहीं जागे, तो हम उस कांग्रेस को खोने का जोखिम उठाएंगे जो हमें विरासत में मिली है। हालांकि पार्टी ने अभी तक ओडिशा के पूर्व विधायक की इस तीखी आलोचना पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
मोकिम ने मल्लिकार्जुन खरगे को पार्टी प्रमुख चुने जाने पर भी सवाल उठाया और यह शिकायत की है कि 83 वर्षीय अनुभवी नेता "भारत के युवाओं के साथ तालमेल बिठाने में असमर्थ हैं। उनके अनुसार, युवा कुल जनसंख्या का लगभग 65 प्रतिशत हैं।
उन्होंने कहा कि "कांग्रेस नेतृत्व और भारतीय युवाओं के बीच अलगाव गहरा होता जा रहा है। इसके चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया और हिमंता बिस्वा सरमा जैसे होनहार युवा नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। सिंधिया और सरमा ने क्रमशः 2020 और 2014 में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मतभेदों के कारण कांग्रेस छोड़ी और फिर भाजपा में शामिल हो गए।
मोकिम ने लिखा कि सिंधिया के दल-बदल के कारण कांग्रेस की मध्य प्रदेश सरकार गिर गई और हिमंता के बीजेपी में चले जाने से पार्टी पूरे पूर्वोत्तर में लगभग पूरी तरह से गायब सी हो गई है।
Published on:
12 Dec 2025 05:36 pm
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