6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हार्ट अटैक से बचना है तो Sweet drinks से तौबा करें, सिर्फ व्यायाम से काम नहीं चलेगा

क्या आप मीठे पेय पदार्थों का खूब सेवन करते हैं? क्या आपको लगता है कि व्यायाम करके आप इन पेय पदार्थों के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं? यह सोच गलत है! चीनी युक्त पेय पदार्थों से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। व्यायाम हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह इन पेय पदार्थों से होने वाले नुकसान को पूरी तरह से नहीं रोक सकता है।

2 min read
Google source verification
heart-attack.jpg

मीठे पेय से बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा : Heart Attack is a Major Cause of Death in the World, Exercise Not Enough to Prevent Heart Attack Due to Sweet Drinks

वॉशिंगटन. आप चीनी से बने मीठे पेय का खूब इस्तेमाल करते हैं और सोचते हैं कि व्यायाम से इसके दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है। यह सोच गलत है। चीनी युक्त पेय पदार्थों से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता जाता है। इसे व्यायाम से कम नहीं किया जा सकता।

यह खुलासा हार्वर्ड में किए गए अध्ययन में किया गया। द अमरीकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भले आप शारीरिक रूप से सक्रिय हों, फिर भी मीठे पेय पदार्थ से होने वाली दिल से संबंधित बीमारियों के जोखिम से बच नहीं सकते। अब तक माना जाता था कि मीठे पेय का सेवन हानिकारक नहीं है, बशर्ते लोग सक्रिय रहें। मीठे पेय के उपयोग से मोटापा, उच्च रक्तचाप, रक्त वाहिकाओं को नुकसान, डायबिटीज, सूजन, ट्राइग्लिसराइड के स्तर में वृद्धि और हृदय रोग की आशंका रहती है। दुनिया में हार्ट अटैक मौतों का बड़ा कारण है।

यह भी पढ़े-पुरुषों में ऐसे होते हैं हार्ट अटैक के लक्षण, लेकिन महिलाओं में होते हैं अलग

अमरीका के हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने 30 साल से अधिक उम्र के करीब एक लाख वयस्कों के आंकड़े एकत्रित किए। पाया गया कि सप्ताह में 150 मिनट का व्यायाम मीठे पेयों के कारण होने वाले हृदय रोग से बचाव के लिए काफी नहीं है। आंकड़ों से पता चला कि सप्ताह में दो बार से अधिक पेय पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों में हृदय रोग का खतरा अधिक था। इन पर व्यायाम का कोई असर नहीं था। शोध की प्रमुख लेखिका लोरेना पचेको का कहना है कि हृदय की सुरक्षा के लिए जीवनशैली में बदलाव और जागरूकता बेहद जरूरी है।