6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Explainer: कौन बनेगा 15वां दलाई लामा? कैसे होता है उत्तराधिकारी का चयन

Dalai Lama succession: दलाई लामा 6 जुलाई, 2025 को 90 साल के हो जाएंगे। इस दिन वे 15 वें दलाई लामा की घोषण कर सकते हैं।

2 min read
Google source verification

तिब्बती धर्मगुरु 14वें दलाई लामा

-अमित पुरोहित
Explainer:
6 जुलाई 2025 को 90वां जन्मदिन मना रहे दलाई लामा संकेत दे चुके हैं कि उनका ‘अगला जन्म’ चीन के बाहर होगा। उनकी आत्मकथा वॉइस फॉर द वॉइसलैस (मार्च 2025) में लिखा गया है कि उनके उत्तराधिकारी की प्रक्रिया का खुलासा 90वें जन्मदिन के आसपास होगा। धर्मशाला स्थित निर्वासित तिब्बती संसद और गदेन फोड्रांग फाउंडेशन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। जानते हैं, क्या है पूरा मामला…

कैसे चुना जाता हैं?

तिब्बती बौद्ध मत मानता है कि दलाई लामा की आत्मा अगले शरीर में पुनर्जन्म लेती है। 14वें दलाई लामा यानी ल्हामो धोंडुप ने दो वर्ष की आयु में अपने पूर्ववर्ती की वस्तुएं पहचान कर यह भूमिका पाई थी। खोज दलों ने पूर्व संकेतों और व्यक्तिगत पहचान के माध्यम से उन्हें चुना। वहीं, धार्मिक पद्धति फिर दोहराई जाएगी।

चीन की क्या जिद?

चीन 1793 की ‘गोल्डन अर्न’ प्रणाली के तहत चीन के भीतर ही उत्तराधिकारी घोषित करने पर अड़ा है। दलाई लामा साफ कह चुके हैं, 'जो शासन धर्म को नहीं मानता, उसे मेरी आत्मा तय करने का अधिकार नहीं।' उन्होंने तिब्बतियों को आगाह किया है कि बीजिंग प्रस्तावित प्रत्याशी को न स्वीकारें।

यह भी पढ़ें- Ground Report: 'अपने ही घर में टूरिस्ट' बने कश्मीरी पंडित…वापसी की जिद और जज्बा, पढ़िए जमीनी हकीकत

भार-अमेरिका की भूमिका?

साल 1959 से हिमाचल के धर्मशाला में निर्वासित दलाई लामा और एक लाख से अधिक तिब्बती शरणार्थी भारत को नैतिक‑कूटनीतिक बढ़त देते हैं। 2024 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी कानून पारित कर चीन की दखलअंदाजी को अवैध मानते हुए तिब्बत की अधिक स्वायत्तता को समर्थन दिया।

यह भी पढ़ें- Weather Alert: देश के 22 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, जानिए अपने राज्य का हाल

आगे क्या हो सकता है?

दो संभावित परिदृश्य हैं, पहला धर्मशाला समर्थित दलाई लामा, जिसका धार्मिक पद्धति से चयन होगा और जिसे भारत‑अमेरिका व पश्चिमी लोकतंत्रों का समर्थन मिलेगा। दूसरा, चीन के भीतर घोषित दलाई लामा, जिसे तिब्बत के भीतर सशस्त्र संरक्षण में रखा जाएगा लेकिन उसकी वैश्विक मान्यता संदिग्ध होगी।