10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पाकिस्तानी नागरिक के प्रत्यर्पण पर रोक, बेंगलुरु पुलिस ने Supreme Court से लगाई गुहार

बेंगलुरु पुलिस ने 2012 में मोहम्मद फहाद, अप्सर पाशा और सैयद अब्दुल रहमान के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया था। तीन लोगों को बरी करने के कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) के फैसले के खिलाफ Supreme Court में अपील दायर की है।

less than 1 minute read
Google source verification

2012 में हुए आतंकवाद के मामले में तीन लोगों को बरी करने के कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) के फैसले के खिलाफ Supreme Court में अपील दायर की है। इसमें एक आरोपी पकिस्तान से है। पाकिस्तानी नागरिक को बरी किए जाने के बाद निर्वासित करने का आदेश दिया गया था। साथ ही बीते 25 सितंबर को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज मामले में बरी कर दिया था।

आरोपियों की पहचान

आपको बता दें की आरोपियों की पहचान सैयद अब्दुल रहमान, 36, अप्सर पाशा, 43, और पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद फहद उर्फ ​​मोहम्मद कोया, 42 के रूप में हुई है। इन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज था।

2012 का मामला

बेंगलुरु पुलिस ने 2012 में मोहम्मद फहाद, अप्सर पाशा और सैयद अब्दुल रहमान के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया था। इस दौरान बेंगलुरु पुलिस ने आरोप लगाया था कि चोरी के आरोप में जेल में बंद रहमान को फहाद और पाशा ने जेल में आतंकवाद के लिए उकसाया था।

ये थे आरोप

बेंगलुरू पुलिस ने फहाद और पाशा पर आतंकवाद का आरोप लगाया था क्योंकि इन दोनों ने जेल में रहमान को आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रेरित किया था। 2012 में इन दोनों द्वारा उपलब्ध कराए गए लश्कर-ए-तैयबा से कथित संबंधों के माध्यम से उसे बंदूक और विस्फोटक मिला था। बेंगलुरू पुलिस द्वारा दायर याचिका के बाद फहाद के निर्वासन पर रोक लग सकती है।

ये भी पढ़े: COAI ने लिखा पत्र, नेटबंदी से भारी परेशानी, कानून व्यवस्था में बदलाव जरुरी