
2012 में हुए आतंकवाद के मामले में तीन लोगों को बरी करने के कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) के फैसले के खिलाफ Supreme Court में अपील दायर की है। इसमें एक आरोपी पकिस्तान से है। पाकिस्तानी नागरिक को बरी किए जाने के बाद निर्वासित करने का आदेश दिया गया था। साथ ही बीते 25 सितंबर को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आरोपियों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दर्ज मामले में बरी कर दिया था।
आपको बता दें की आरोपियों की पहचान सैयद अब्दुल रहमान, 36, अप्सर पाशा, 43, और पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद फहद उर्फ मोहम्मद कोया, 42 के रूप में हुई है। इन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज था।
बेंगलुरु पुलिस ने 2012 में मोहम्मद फहाद, अप्सर पाशा और सैयद अब्दुल रहमान के खिलाफ आतंकवाद का मामला दर्ज किया था। इस दौरान बेंगलुरु पुलिस ने आरोप लगाया था कि चोरी के आरोप में जेल में बंद रहमान को फहाद और पाशा ने जेल में आतंकवाद के लिए उकसाया था।
बेंगलुरू पुलिस ने फहाद और पाशा पर आतंकवाद का आरोप लगाया था क्योंकि इन दोनों ने जेल में रहमान को आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रेरित किया था। 2012 में इन दोनों द्वारा उपलब्ध कराए गए लश्कर-ए-तैयबा से कथित संबंधों के माध्यम से उसे बंदूक और विस्फोटक मिला था। बेंगलुरू पुलिस द्वारा दायर याचिका के बाद फहाद के निर्वासन पर रोक लग सकती है।
Published on:
08 Dec 2024 12:45 pm
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