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Aero India: रूस के Su-57 से मुकाबले के लिए अमेरिका ने भेजा F-35, भारत को करना है फैसला, कौन है बेस्ट?

Su-57 Vs F-35: भारत पांचवी पीढ़ी के लिए लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी में है। लेकिन भारत के पास अमेरिकी एफ-35 और रूसी एसयू-57 दो विकल्प हैं।

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भारत

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Devika Chatraj

Feb 10, 2025

Su-57 Vs F-35: एशिया के सबसे बड़े एयर शो में से एक एयरो इंडिया 2025 (Aero India) की शुरुआत हो गई है। यह एयर शो बंगलूरू के येलाहेंका एयर फोर्स स्टेशन पर 10 फरवरी से शुरू होकर 14 फरवरी तक चलने वाला है। इस दौरान कई आधुनिक लड़ाकू विमान और ड्रोन तकनीक देखने को मिलेंगी। इसी बीच दुनिया में लगातार यह सवाल सामने आ रहा है कि पांचवीं पीढ़ी के दो लड़ाकू विमानों लॉकहीड मार्टिन का F-35 या फिर रूसी सुखोई SU-57, भारतीय वायुसेना के लिए आखिर कौन सा बेहतर है। इस दोनों ही विमानों को आमने-सामने देखा गया है अब सवाल यह उठ रहा है कि दोनों में से भारत का फैसला क्या होता है।

अमेरिकी लड़ाकू विमान

लॉकहीड मार्टिन एफ-35 लाइटनिंग 2 लॉकहीड मार्टिन F-35 लाइटनिंग II सिंगल-सीट, सिंगल-इंजन, ऑल-वेदर स्टील्थ मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का एक अमेरिकी परिवार है, जिसका उद्देश्य हवाई श्रेष्ठता और स्ट्राइक मिशन दोनों को अंजाम देना है। यह इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताएं प्रदान करने में भी सक्षम है। इसे मल्टी-लेयर एयर डिफेंस नेटवर्क को भेदने के लिए डिजाइन किया गया है।

रुसी लड़ाकू विमान

सुखोई एसयू-57 (Sukhoi Su-57) एक श्रेष्ठ, सिंगल सीट, दो इंजन जेट के लिए डिजाइन किया गया मल्टीरोल लड़ाकू विमान है[14] जो हवाई श्रेष्ठता और हमले के संचालन के लिए डिजाइन किया गया है। Su-57 को रूसी हवाई क्षेत्र में घुसने और रूसी सीमा पर दुश्मन की बढ़त को रोकने की कोशिश करने वाले F-35 को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है।

Su-57 या F-35

रूसी Su-57 और F-35 दोनों ही स्टील्थ फाइटर एयरक्राफ्ट हैं, लेकिन दोनों को अलग अलग भूमिकाओं के लिए डिजाइन किया गया है। लिहाजा भारत के लिहाज से इस बात का आकलन करना जरूरी है, कि इंडियन एयरफोर्स के लिए कौन सा विमान शानदार साबित हो सकता है। इसके अलावा भारत सरकार ने डिफेंस सौदौं को लेकर साफ कर रखा है कि उसकी प्राथमिकता उन सौदौं की तरफ जाना है, जो टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करे और मेक इन इंडिया के हिसाब से फिट बैठे। टेक्नोलॉजी के नजरिए से देखें तो अमेरिकी फाइटर जेट को हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। क्योंकि अमेरिका का मानना है कि आक्रमण ही सबसे बढ़िया बचाव है। जबकि रूसी फाइटर जेट को डिफेंस के लिए डिजाइन किया गया है।

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