
मणिपुर में हथियार जमा करा रहे मैतेई समूह के लोग
Manipur: मणिपुर में शांति बहाल करने की दिशा में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मैतेई समूह के 'अरामबाई टेंगोल' के सदस्यों ने प्रदेश सरकार के समक्ष अपने हथियार सौंप दिए। यह फैसला 25 फरवरी को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के साथ बैठक के बाद लिया गया है। बता दें कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की अपील, जिला पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त जन जागरूकता प्रयासों के बाद लोगों ने अवैध रूप से रखे हथियारों को जमा कराना शुरू कर दिया है। इससे पहले अरामबाई टेंगोल संगठन ने कहा था कि वह अवैध हथियार तभी जमा कराएगा जब उसकी शर्तें मान ली जाएंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार को भी इम्फाल-पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, थौबल, इम्फाल पश्चिम और काकचिंग जिलों में पुलिस को भारी मात्रा में अवैध हथियार सौंपे गए थे। इनमें राइफल्स, ग्रेनेड लॉन्चर, 12 कार्बाइन मशीन गन जैसे हथियार शामिल हैं।
मणिपुर के पहाड़ी और घाटी जिलों के सीमांत व संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में अवैध हथियार जब्त किए। पुलिस ने 10 फीट लंबा एक पोम्पी, एक अन्य पोम्पी और डेटोनेटर के साथ तीन आईईडी व तीन पोम्पी बम बरामद किए।
मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने अरामबाई टेंगोल से अवैध हथियारों को सौंपने की अपील की थी। इसके बाद संगठन ने राज्यपाल के सामने कुछ नियम और शर्तें रखीं। राज्यपाल ने संगठन को आश्वासन दिया कि कम समय में शांति बहाल की जाएगी और सरेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य के सभी नेशनल हाईवे को पहली तरह फिर से खोल दिया जाएगा।
बता दें कि मणिपुर में इस समय राष्ट्रपति शासन लागू है। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने सभी समुदायों से अनुरोध किया था कि वे अवैध हथियारों को सात दिन के अंदर पुलिस या सुरक्षा बलों को सौंप दें। इस दौरान राज्यपाल ने यह भी आश्वासन दिया था कि हथियार जमा कराने वालों पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
Published on:
27 Feb 2025 10:01 pm
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