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Mahadev: सट्टा लगाने से लेकर हवाला के पैसे तक कैसे चलता था महादेव बेटिंग ऐप का पूरा खेल?

महादेव बेटिंग ऐप को दुबई में बैठकर छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ऑपरेट करते थे। ये दोनों महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर भी थे।

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Mahadev Betting Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है। दुबई पुलिस ने मंगलवार को महादेव बुक ऑनलाइन सट्टेबाजी सिंडिकेट के दो प्रमुख आरोपियों में से एक रवि उप्पल को गिरफ्तार कर लिया। उप्पल मनी लॉन्ड्रिंग मामले का सामना कर रहे हैं, जिसकी जांच ईडी कर रहा है। उन्हें उस मामले में आरोपी के रूप में नामित किया गया है जिसमें छत्तीसगढ़ के निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ रिश्वत के आरोप लगाए गए थे। आइए जानते है महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप से सट्टा कैस चलता था। किस तरह से हवाला का पैसा सर्कुलेट हो रहा था।


कैसे चलता था ऑनलाइन बेटिंग ऐप से सट्टा

ईडी की जांच रिपोर्ट की मुताबिक महादेव बेटिंग ऐप को दुबई में बैठकर छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ऑपरेट कर रहे थे। सौरभ और उप्पल दोनों बेटिंग ऐप के प्रमोटर भी थे। भारत के अलावा मलेशिया, थाईलैंड हिंदुस्तान, यूएई में अलग-अलग बड़े शहरों में कॉल सेंटर खोले गए। इन कॉल सेंट के जरिए अलग-अलग सब्सिडरी ऐप बनाकर ऑनलाइन सट्टा खिलाया जाता था। जांच एजेंसी को पड़ताल में पता चला है कि इस ऐप के माध्यम से हजारों करोड़ रुपए कमाए।

तरह से सर्कुलेट हो रहा था हवाला का पैसा

सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के दो बेहद करीबी अनिल दम्मानी और सुनील दम्मानी की मदद से भारत में हिंदुस्तान में ऑपरेट कर रहा था। सबसे पहले अनिल और सुनील की मदद से KYC के जरिए बड़ी संख्या में बैंक अकाउंट खुलवाए गए। इस बैटिंग ऐप सिंडिकेट को चलाने के लिए पुलिस, पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स को भी हिस्सेदारी दी गई।

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पुलिस से लेकर राजनेताओं तक की मिलीभगत

अनिल दम्मानी का रोल इस सिंडिकेट में सिर्फ ऑनलाइन बेटिंग ऐप के अलावा बड़े स्तर पर हवाला के जरिए आने वाले पैसे को बेटिंग ऐप में इस्तेमाल करना था। इसके साथ पुलिस, पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स जो इस ऐप से लाभान्वित होते थे, उन तक पैसा पहुंचाया गया। जांच पड़ताल के दौरान पता चलो कि हवाला के जरिए मोटा कैश UAE में बैठे प्रमोटर छत्तीसगढ़ में अनिल और सुनील को पहुंचाया जाता था।

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