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Omicron बच्चों के लिए है ज्यादा खतरनाक, विशेषज्ञों ने बताए बचाव के 3 उपाय

देश में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है, विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को हल्के में ना लें। विशेषज्ञों का मन्ना है कि ये वेरिएंट बच्चो में गंभीर परेशानी पैदा कर सकता है।

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Meerut Corona News : दस दिन में 11.33 प्रतिशत हुई संक्रमण दर, मरीजों की संख्या पहुंची 2 हजार के पार

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कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Coronavirus Omicron Variant) को लेकर अभी उतना डाटा उपलब्ध नहीं है, जिससे इस बात कही जा सके कि यह कितना घातक है, लेकिन हाल ही में दिल्ली में हुई सात बच्चों की मौत के बाद से इतना जरूर साफ हो गया है कि कोरोना का ये वेरिएंट कॉ-मॉर्बिलिटी वाले बच्चों में अधिक जोखिम पैदा कर सकता है। इन सभी बच्चों की मौत 9 से 12 जनवरी के बीच हुई है। आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि बच्चों को कोविड-19 का कम खतरा होता है। लेकिन हालिया शोध में पता चला है कि यह बच्चों के लिए बेहद घातक हो सकता है। ऐसे में उन्हें भी संक्रमण से बचाने के लिए सभी उपाय अपनाए जाने चाहिए।

Omicron के फैलने की गति है तेज:
कोरोना की तीसरी लहर में ये देखा जा सकता है कि ओमिक्रॉन वायरस, डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले अधिक तेजी से फैलता है। हालांकि मरीज की हालत इस वेरिएंट में अधिक गंभीर नहीं होती। इसका मतलब ये नहीं है कि ओमिक्रॉन को हल्के में ले लिया जाए। खासतौर पर तब जब बच्चों में इसके मामले बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट से प्रभावित बच्चों में कोविड के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है, जबकि पिछले वेरिएंट (डेल्टा) के समय कम बच्चे संक्रमित हुए थे।

डॉक्टर का कहना है:
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वॉकहार्ट अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर फजल नबी ने बताया, ‘बच्चों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जबकि अभी तक उनमें कोविड-19 के मामले बहुत कम ही देखने को मिल रहे थे। यहां तक कि ओमिक्रॉन के मामले भी. लेकिन संक्रमित होने वाले अधिकतर बच्चों में हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। लेकिन कोविड 19 के पिछले वेरिएंट की तुलना में संक्रमित बच्चों का आंकड़ा बढ़ा है।’ देश में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है, विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को हल्के में ना लें। विशेषज्ञों का मन्ना है कि ये वेरिएंट बच्चो में गंभीर परेशानी पैदा कर सकता है।


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एक्सपर्ट्स ने बताए बचाव के उपाय:

1. वैक्सीनेशन जरूरी:
वयस्कों के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं। अभिभावकों को सबसे पहले खुद को सुरक्षित करने के लिए अपना टीकाकरण करवाना चाहिए। ताकि वो अपने बच्चों को संक्रमित ना कर दें।

2. नियमों का पालन जरूरी:
बच्चे कोरोना वायरस से बचाव के नियमों के बारे में जानते हैं कि जैसे बार-बार हाथ धोना, लोगों से 6 फीट की दूरी बनाए रखना और मास्क पहनकर रखना। उन्हें प्रतिबंधों में ढील के चलते ऐसा लग सकता है कि स्थिति सामान्य हो गई है। लेकिन उन्हें स्थिति के बारे में जानकारी देते रहें और उन्हें बताएं कि सोशल डिस्टेंसिंग का किस तरह पालन करना है।

3. बच्चों के लिए अच्छा वातावरण जरूरी:
वर्तमान हालात को लेकर बच्चों में कई तरह के सवाल हो सकते हैं। तो उनसे बात करें. अपनी चिंताओं को बताकर उनमें डर उत्पन्न ना करें, बल्कि उन्हें बचाव कैसे करना है, ये बताएं। बच्चों के लिए खुद उदाहरण बनें। आप जिस तरह नियमों का पालन करेंगे, बच्चे भी आपकी तरह ही करेंगे।

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