script

भारतीय वायु सेना को मिलने जा रहे 114 नए लड़ाकू विमान, 96 का भारत में ही निर्माण करने की योजना

locationनई दिल्लीPublished: Jun 12, 2022 04:39:14 pm

Submitted by:

Archana Keshri

भारतीय वायु सेना की ‘बाय ग्लोबल एंड मेक इन इंडिया’ योजना के तहत 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट हासिल करने की योजना है, जिसके तहत भारतीय कंपनियों को एक विदेशी विक्रेता के साथ साझेदारी करने की अनुमति होगी।

भारतीया वायु सेना को मिलने जा रहे 114 नए लड़ाकू विमान, 96 का भारत में ही निर्माण करने की योजना

भारतीया वायु सेना को मिलने जा रहे 114 नए लड़ाकू विमान, 96 का भारत में ही निर्माण करने की योजना

हाल ही में भारतीय वायु सेना ने विदेशी विक्रेताओं के साथ बैठक की और उनसे ‘मेक इन इंडिया’ परियोजना को अंजाम देने के बारे में बातचीत की। भारतीय वायु सेना 114 लड़ाकू जेट हासिल करने की योजना बना रही है, जिनमें से 96 भारत में बनाए जाएंगे, और बाकी 18 परियोजना के लिए चुने गए विदेशी विक्रेता से आयात किए जाएंगे। बता दें पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत निर्माण योजना बनाई जा रही है। रक्षा सामग्री की खरीद के मामले में भारत अब विदेशों पर निर्भरता घटाने लगा है।
दरअसल, भारतीय वायु सेना की ‘बाय ग्लोबल एंड मेक इन इंडिया’ योजना के तहत 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) प्राप्त करने की योजना है, जिसके तहत भारतीय कंपनियों को एक विदेशी विक्रेता के साथ साझेदारी करने की अनुमति होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ‘हाल ही में भारतीय वायुसेना ने विदेशी वेंडरों के साथ बैठक की और उनसे मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट को अंजाम देने के तरीके के बारे में पूछा।
बता दें, ‘बाय ग्लोबल एंड मेक इन इंडिया’ रक्षा कार्यक्रम में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत देश के अंदर विदेशी हथियार प्रणालियों के अधिग्रहण और उनके उत्पादन को सुगम बनाने के लिए खरीद प्रक्रिया की एक श्रेणी है। वर्ष 2020 में रक्षा मंत्रालय ने हथियार प्रणालियों के अधिग्रहण और उत्पादन की प्रक्रिया की इस श्रेणी को मंजूरी दी थी।
वहीं इस क्रार्यक्रम में बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, साब, मिग, इरकुत कॉर्पोरेशन और डसॉल्ट एविएशन सहित वैश्विक विमान निर्माताओं के निविदा में भाग लेने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय मुद्रा में भुगतान से विक्रेताओं को परियोजना में 60 प्रतिशत से अधिक ‘मेक-इन-इंडिया’ सामग्री हासिल करने में मदद मिलेगी। और अंतिम 60 विमान भारतीय साझेदार की मुख्य जिम्मेदारी होगी और सरकार केवल भारतीय मुद्रा में भुगतान करेगी।
भरतीय वायुसेना को 5वीं जेनेरेशन के अपडेटेड मध्यम लड़ाकू विमान परियोजना के साथ 114 MRFA परियोजना की अवश्यकता है। इन विमानों के वायुसेना में शामिल होते ही इंडियन एयरफोर्स की ताकत उत्तरी और पश्चिमी सीमा विरोधियों पर बढ़त बनाने के लिए काफी होगी। हालांकि 5वीं जेनेरेशन के अपडेटेड मध्यम लड़ाकू विमान परियोजना संतोषजनक गति से आगे बढ़ रही है लेकिन इसे परिचालन भूमिका में शामिल होने में काफी समय लगेगा।

यह भी पढ़ें

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले AAP की नई टीम का ऐलान, किशोरभाई देसाई बने प्रदेश अध्यक्ष

वायु सेना ने LCA MK 1A विमानों में से 83 के लिए पहले ही ऑर्डर दे दिए हैं, लेकिन इसके लिए अभी भी अधिक संख्या में सक्षम विमानों की आवश्यकता है क्योंकि बड़ी संख्या में मिग श्रृंखला के विमानों को या तो चरणबद्ध कर दिया गया है या फिर वे विमान अपने अंतिम चरण में हैं। बता दें LCA MK 1A भारतीय वायु सेना को मिग-सीरीज के विमानों को बदलने में मदद करेगा।
सूत्रों ने कहा कि भारतीय वायु सेना अपने लड़ाकू जेट की आवश्यकता के लिए एक लागत प्रभावी समाधान की तलाश में है क्योंकि वह एक ऐसा विमान चाहता है जो परिचालन लागत पर कम हो और सेवा को अधिक क्षमता प्रदान करे। वहीं भारतीय वायु सेना राफेल लड़ाकू जेट की परिचालन उपलब्धता से अत्यधिक संतुष्ट है और अपने भविष्य के विमानों में भी इसी तरह की क्षमता चाहती है।

यह भी पढ़ें

भुवनेश्वर के केशरी मॉल में फिर लगी आग, दो महीने में दूसरी बार हादसा

ट्रेंडिंग वीडियो