script

Indian Railways: स्टेशन पर थूकने वाले हो जाएं सावधान, रेलवे में तैयार किया ये खास प्लान

locationनई दिल्लीPublished: Jan 18, 2022 02:31:31 pm

Submitted by:

Shaitan Prajapat

अक्सर देखा जाता है लोग रेलवे स्टेशन, प्लेटफार्म या किसी भी सार्वजनिक जगह पर बेझिझक थूकते हुए नजर आते हैं। यह बहुत ही बुरी आदत है, जो एक तो गंदगी फैल आती है। वहीं, दूसरी तरफ कई तरह की बीमारियों का कारण भी बनती है। अब रेलवे ने इससे बचने के लिए एक नायाब तरीका खोज निकाला है।

Indian Railways

Indian Railways

अक्सर देखा जाता है लोग रेलवे स्टेशन, प्लेटफार्म या किसी भी सार्वजनिक जगह पर बेझिझक थूकते हुए नजर आते हैं। यह बहुत ही बुरी आदत है, जो एक तो गंदगी फैल आती है। वहीं, दूसरी तरफ कई तरह की बीमारियों का कारण भी बनती है। कोरोना काल में रेलवे ने ऐसे लोगों के खिलाफ काफी सख्ती दिखाई है लेकिन, फिर भी कई लोग ऐसा करने से बाज नहीं आते हैं। ऐसे में अब रेलवे ने इससे बचने के लिए एक नायाब तरीका खोज निकाला है। रेलवे द्वारा अपनाए जाने वाले इस खास उपाय से ना सिर्फ कोरोना काल में संक्रमण से मुक्ति मिलेगी बल्कि यह हर साल रेलवे में थूक के दाग धब्बों का सफाई पर होने वाले खर्च की बचत होगी। हर साल रेलवे में थूक के दाग धब्बों का सफाई पर 1200 करोड़ रुपए खर्च होते है।

42 स्टेशनों पर लगेगी वेंडिंग मशीन के साथ कियोस्क
स्टेशन और प्लेटफॉर्म पर जो लोग थूकने है उनके लिए रेलवे एक नायाब इनोवेशन लेकर आया है। इसके तहत अब यात्रियों को रेलवे परिसर में थूकने से रोकने के लिए देश में कुल 42 स्टेशनों पर वेंडिंग मशीन के साथ कियोस्क लगाए जाएंगे। इससे अब 5 और 10 रुपए के पाउच निकलेंगे जिससे कोई भी यात्री इन पाउच वाले थूकदान का प्रयोग कर सकता है। इससे रेलवे को सफाई मेंटेन रखने में मदद मिलेगी।

जेब में रख सकते है यात्री
इस खास पाउच की व्यवस्था रेलवे के तीन जोन पश्चिम, उत्तर और मध्य रेलवे के लिए की जा रही है। इसके लिए नागपुर के एक स्टार्टअप ईजीपोस्ट के पाउच बनाने का काम दिया गया है। इस पाउच की खास बात ये है कि इसे यात्री अपनी जेब में भी रख सकते हैं। आवश्यकता होने पर कभी भी इसका उपयोग किया जा सकता है। इससे संक्रमण के खतरे से भी छुटकारा मिलता है।

यह भी पढ़े – पंजाब में भगवंत मान होंगे ‘आप’ का सीएम चेहरा, 93.3 फीसदी लोगों ने बताया अपनी पसंद

ऐसे काम करता है स्पिटून पाउच
आप सोच रहे होंगे कि स्पिटून पाउच कैसे काम करता है तो चलिए जानते है। इन बायोडिग्रेडेबल पाउच को कोई भी यात्री 15 से 20 बार इस्तेमाल कर सकते हैं। खास बात यह है कि ये थूक को एक ठोस पदार्थ में बदल देगा। जिससे कोई दाग लगने का भी डर नहीं होता। यह पर्यावरण के लिए भी किसी तरह से नुकसानदायक नहीं होगा। इस्तेमाल के बाद इन पाउचों को मिट्टी में डाल दिया जा सकता है। यह बाद में पूरी तरह से नष्ट हो जाएंगे।

ट्रेंडिंग वीडियो