
Expert on Covid Vaccine Booster Dose: भारत में अगले साल 10 जनवरी से कोरोना की वैक्सीन की एक और खुराक या बूस्टर डोज दी जाएगी. कोरोना के इस डोज को प्री-कॉशन डोज भी कहा जा रहा है. इस डोज के मदद से शरीर में एंटीबॉडी बनी रहे इसके लिए वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जाएगी. कोरोना वैक्सीन से लड़ने के लिए वैक्सीन की यह बूस्टर डोज हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी जाएगी. मोदी सरकार के इस फैसले पर अब की हेल्थ एक्सपर्ट सवाल उठा रहे हैं और इसे गैरजरूरी फैसला करार दे रहे हैं.
क्यों सवाल उठा रहे हैं हेल्थ एक्सपर्ट
मोदी सरकार के बूस्टर डोज के फैसले पर सवाल उठाते हुए कई हेल्थ एक्सपर्ट ने बताया कि जिन देशों में कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज दी गई है वहां भी कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. इसके अलावा उन देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा भी बढ़ रहा है और उसके मामले भी मिल रहे हैं. इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन के अध्यक्ष और दिल्ली के एम्स में कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉ. संजय राय ने सरकार के कोरोना वैक्सीन की एक और डोज देने के फैसले को गैर जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा दवा औऱ वैक्सीन के ऊपर फैसले साइंटिफिक एविडेंस के अनुसार ही होने चाहिए. बूस्टर डोज से शरीर में एंटीबॉडी बढ़ेगी ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं.
दोनों डोज के बाद भी संक्रमित हुए लोग
डॉ संजय राय ने कहा कि भारत में कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लेने वाले लोग भी कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए हैं. शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओमिक्रोन पर आई एक एनालिसिस रिपोर्ट में पाया गया कि दोनों डोज और यहां तक कि बूस्टर डोज लगने के बाद भी लोग कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमित हुए हैं. ओमिक्रोन संक्रमित मरीजों में से 183 मरीजों का स्वास्थ्य मंत्रालय ने विश्लेषण किया है, जिसमें सामने आया है कि 91% मरीजों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थीं. वहीं 70% संक्रमित मरीजों को कोई लक्षण नहीं था. वायरस का तेजी से म्यूटेशन हो रहा है और जिस तेजी से इसका म्यूटेशन हो रहा है उसपर बूस्टर डोज की एक और खुराक कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा.
Updated on:
28 Dec 2021 07:33 am
Published on:
27 Dec 2021 07:47 pm
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