
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा है कि वह ‘टैरिफ के बदले टैरिफ’ की नीति पर चलेंगे। इस मामले में उन्होंने भारत का नाम विशेष रूप से लिया है। उनका कहना है कि भारत उन देशों में है जो अमेरिकी चीजों पर जबर्दस्त टैक्स थोपता है। उन्होंने बाइक बनाने वाली कंपनी हार्ले डेविडसन का उदाहरण भी दिया और कहा कि भारी टैक्स के चलते यह अमेरिकी कंपनी भारत में अपना कारोबार नहीं कर पाई।
अमेरिका ने यह भी बताया है कि कृषि उत्पादों पर उसने भारत पर पांच फीसदी टैक्स लगा रखा है, जबकि भारत ने 39 प्रतिशत लगाया है। इसी तरह अमेरिकी मोटर साइकिल पर भारत सौ फीसदी टैरिफ वसूलता है, जबकि अमेरिका भारत के मोटर साइकिल पर 2.4 फीसदी ही ले रहा है।
नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के आधार पर बताया जा रहा है कि अब भारत अमेरिका से सामान खरीद बढ़ाएगा। रक्षा उपकरण, तेल, गैस आदि की अमेरिका से खरीद बढ़ाने का आश्वासन नरेंद्र मोदी की ओर से दिया गया है।
डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों और दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन का भारी अंतर कम करने के मकसद से भारत द्वारा किए जाने वाले उपायों के चलते संभावना इस बात की भी है कि भारत में अमेरिकी सामान सस्ता हो। इस बीच भारत सरकार ने इनकम टैक्स में लोगों को एक लाख करोड़ रुपए की राहत देने की भी घोषणा की है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम का कहना है कि इस लाभ का ज्यादा फायदा अमीर लोगों को होगा। ऐसे में अगर यह वर्ग यह पैसा अमेरिकी सामान पर खर्च करने लगा तो भारत सरकार के लिए दोहरा झटका साबित हो सकता है।
सरकार ने टैक्स छूट घरेलू खपत बढ़ा कर जीडीपी बढ़ाने के मकसद से दिया है। अगर छूट से बचा पैसा अमेरिकी सामान पर खर्च होने लगा तो यह मकसद पूरा नहीं हो सकेगा। अगर अमेरिकी सामान सस्ता हुआ और भारतीय इन पर खर्च बढ़ाने लगे तो यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के नरेंद्र मोदी के अभियान के लिए भी झटका साबित होगा।
प्रधानमंत्री ने 2030 तक अमेरिका से व्यापार दोगुना कर 500 अरब डॉलर करने की बात कही है। इसके मद्देनजर भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य पूरा करना चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।
Published on:
15 Feb 2025 10:52 am
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