
चांद के धक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक पहुंचाने के बाद इसरो ने भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य-L1 को शनिवार को लॉन्च कर दिया गया है। यह भारत का पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन है। इसको स्थापित किए जाने वाले लाग्रेंज बिंदु 1 (L1) तक पहुंचने में लगभग 125 दिन का समय लगेगा। इस मिशन के जरिए इसरो सूर्य की मॉनिटरिंग करेगा। साथ ही उससे जुड़े अन्य डाटा को भेजेगा। बता दें कि यह सारा काम आदित्य-L1 अपने 7 अलग-अलग पेलोड के जरिए करेगा।
Aditya-L1 के सात पेलोड
आपको बता दें कि आदित्य-L1 मिशन में सात पेलोड स्थापित किए गए हैं, जिनके नाम विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS), हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग X-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL10S), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX), प्लाजमा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA), एडवांस्ड ट्राय-एक्सल हाई रेजॉल्यूशन डिजिटल मैग्नोमीटर्स (MAG) हैं।
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ASPEX में हैं 2 सबसिस्टम
आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) पेलोड में 2 सबसिस्टम सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुपरथर्मल और एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) हैं। SWIS कम ऊर्जा वाला स्पेक्ट्रोमीटर है और इसे सौर हवा में अल्फा पार्टिकल और प्रोटॉन मापने के लिए डिजाइन किया गया है।
चुंबकीय क्षेत्र मापेगा MAG
एडवांस्ड ट्राय-एक्सल हाई रेजॉल्यूशन डिजिटल मैग्नोमीटर्स (MAG) में चुंबकीय सेंसर्स के 2 सेट दिए गए हैं। इसमें एक सेंसर डिप्लॉय किए जाने वाले बूम पर लगा है और दूसरा बूम के बीच में लगा है। 6 मीटर लंबे बूम के बीच में लगा दूसरा सेंसर अंतरिक्ष यान से 3 मीटर दूर है। MAG पेलोड L1 बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की माप करेगा।
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Published on:
02 Sept 2023 05:02 pm
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