9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Aditya-L1 Launch: ये हैं आदित्य-L1 के 7 पेलोड्स, जानें कौन क्या काम करेगा?

Aditya-L1 Launch: सोलर मिशन आदित्य-L1 के जरिए इसरो सूर्य की मॉनिटरिंग करेगा। साथ ही उससे जुड़े अन्य डाटा को भेजेगा। बता दें कि यह सारा काम आदित्य-L1 अपने 7 अलग-अलग पेलोड के जरिए करेगा।

less than 1 minute read
Google source verification
isro_aditya_l1_launch_know_aditya_l1_7_payloads_and_their_responsibilities.png

चांद के धक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक पहुंचाने के बाद इसरो ने भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य-L1 को शनिवार को लॉन्च कर दिया गया है। यह भारत का पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन है। इसको स्थापित किए जाने वाले लाग्रेंज बिंदु 1 (L1) तक पहुंचने में लगभग 125 दिन का समय लगेगा। इस मिशन के जरिए इसरो सूर्य की मॉनिटरिंग करेगा। साथ ही उससे जुड़े अन्य डाटा को भेजेगा। बता दें कि यह सारा काम आदित्य-L1 अपने 7 अलग-अलग पेलोड के जरिए करेगा।

Aditya-L1 के सात पेलोड

आपको बता दें कि आदित्य-L1 मिशन में सात पेलोड स्थापित किए गए हैं, जिनके नाम विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलिस्कोप (SUIT), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SoLEXS), हाई एनर्जी L1 ऑर्बिटिंग X-रे स्पेक्ट्रोमीटर (HEL10S), आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX), प्लाजमा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA), एडवांस्ड ट्राय-एक्सल हाई रेजॉल्यूशन डिजिटल मैग्नोमीटर्स (MAG) हैं।

यह भी पढ़े - ISRO Aditya-L1: आदित्य-एल-1 मिशन लॉन्च, कब तक पहुंचेगा और क्या करेगा जानें


ASPEX में हैं 2 सबसिस्टम

आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट (ASPEX) पेलोड में 2 सबसिस्टम सोलर विंड आयन स्पेक्ट्रोमीटर (SWIS) और सुपरथर्मल और एनर्जेटिक पार्टिकल स्पेक्ट्रोमीटर (STEPS) हैं। SWIS कम ऊर्जा वाला स्पेक्ट्रोमीटर है और इसे सौर हवा में अल्फा पार्टिकल और प्रोटॉन मापने के लिए डिजाइन किया गया है।

चुंबकीय क्षेत्र मापेगा MAG

एडवांस्ड ट्राय-एक्सल हाई रेजॉल्यूशन डिजिटल मैग्नोमीटर्स (MAG) में चुंबकीय सेंसर्स के 2 सेट दिए गए हैं। इसमें एक सेंसर डिप्लॉय किए जाने वाले बूम पर लगा है और दूसरा बूम के बीच में लगा है। 6 मीटर लंबे बूम के बीच में लगा दूसरा सेंसर अंतरिक्ष यान से 3 मीटर दूर है। MAG पेलोड L1 बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की माप करेगा।

यह भी पढ़े - इस शख्स ने चांद पर खरीदी जमीन, आप भी ऐसे बन सकते हैं चांद पर जमीन के मालिक