
ITR Filing: इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2023-24 यानी एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए जेसन सुविधा यानी ऑफलाइन फॉर्म आईटीआर-1 (सहज) और आईटीआर-4 (सुगम) जारी कर दिया है। इनका उपयोग टैक्सपेयर 01 अप्रेल, 2024 से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए कर सकते हैं। जेसन सर्विस का इस्तेमाल पहले से भरे हुए डिटेल्स को ऑफलाइन फार्मेट में डाउनलोड या इंपोर्ट करते समय किया जाता है। साथ ही इसका उपयोग ऑफलाइन तरीके से भरी गई आईटीआर को जेनरेट करते समय भी किया जाता है।
आईटीआर दाखिल करने के तरीके
इनकम टैक्स विभाग आइटीआर को ऑनलाइन या आंशिक ऑफलाइन मोड के जरिए दाखिल करने की अनुमति देता है। ऑनलाइन तरीके से आरटीआर भरते समय जरूरी ट्रांजैक्शन, टैक्स का ब्योरा और अन्य जानकारियां पहले से ही भरी होती हैं। विभाग यह विवरण फॉर्म-16 और फॉर्म-26एएस से लेता है और आरटीआर में ऑटोमटिक तरीके से दर्ज कर देता है। टैक्सपेयर को केवल उन्हें सत्यापित करना होता है। इसके बाद फॉर्म का जमा कर ई-सत्यापन की प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
ऑफलाइन के लिए जेसन माध्यम
जेसन सर्विस का इस्तेमाल कर आईटीआर फॉर्म को ऑफलाइन तरीके से भरा जाता है। इसके लिए जेसन यूटिलिटी फॉर्म डाउनलोड करना होगा। इसके बाद टैक्सपेयर को फाइनेंशियल ईयर के लिए लागू आय और अन्य आवश्यक विवरण खुद से भरने होंगे। यह सुविधा उन करदाताओं के लिए है, जिनके आयकर और लेनदेन विवरण अधिक होते हैं और फॉर्म-26एएस में नहीं दिखते हैं। इसके लिए करदाता को खुद से विवरण अपडेट करने की सुविधा दी जाती है। एक बार सभी जानकारी भरने के बाद इसे ई-फाइलिंग वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है।
कहां से करें डाउनलोड
- जेसन यूटिलिटी फॉर्म को इनकम टैक्स विभाग के पोर्टल (https://eportal.incometax.gov.in) से डाउनलोड किया जा सकता है।
- इसके लिए पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा। फिर 'आयकर रिटर्न दाखिल करें' विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- यहां जेसन यूटिलिटी का लिंक दिखाई देगा। इस पर क्लिक कर डाउनलोड किया जा सकता है।
ऑनलाइन फॉर्म जारी नहीं
आयकर विभाग ने अभी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ऑनलाइन आईटीआर फॉर्म जारी नहीं किया है। आमतौर पर विभाग वित्त वर्ष समाप्त होने के बाद अप्रेल से मई के बीच ऑनलाइन आइटीआर फॉर्म जारी करता है।
कितने तरह आरटीआर फॉर्म
आईटीआर-1 (सहज): यह उन लोगों के लिए है, जिनकी कुल 50 लाख रुपए तक है। इसमें वेतन से आय, घर की संपत्ति, ब्याज से अर्जित आय और 5000 रुपए तक की कृषि आय शामिल है।
आईटीआर-4 (सुगम): यह उन व्यक्तियों, हिन्दू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) और फर्मों के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपए तक है। इसमें व्यवसाय और पेशे से आय शामिल है।
आईटीआर 2 और 3: आईटीआर 2 का इस्तेमाल आवासीय संपत्ति से आय अर्जित करने वाले लोग कर सकते हैं जबकि आईटीआर-3 फॉर्म कारोबार एवं पेशे से लाभ अर्जित करने वाले लोगों के लिए है।
आईटीआर 5, 6 और 7: फार्म 5 और 6 सीमित दायत्वि भागीदारी (एलएलपी) और कारोबार के लिए है। आईटीआर-7 फॉर्म का इस्तेमाल ट्रस्ट कर सकते हैं।
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Published on:
22 Mar 2024 12:23 pm
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