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Jammu Kashmir Election: सबकी है अपनी डफली, अपना राग कौन बनेगा किंग मेकर, किसके हाथ लगेगी सत्ता की चाबी

जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में जिन सीटों का मतदान होना है उन पर प्रचार का शोरगुल सोमवार शाम थम गया। रविवार और सोमवार को सीटों के इलाकों में सभाओं, रैलियों, रोड शो की बाढ़ सी देखने को मिली। दौलत सिंह चौहान की स्पेशल रिपोर्ट।

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पहले चरण की जिन 24 सीटों पर दो दिन बाद मतदान होना है, उन पर प्रचार का शोरगुल सोमवार शाम थम गया। रविवार व सोमवार को इन सीटों के इलाकों में सभाओं, रैलियों, रोड शो की बाढ़ सी आ गई। हर प्रत्याशी और दल ने अपनी पूरी ताकत झोंकी। मतदान के दो दिन पहले ज्यादातर सीटों पर सूरत-ए-हाल पहेली से बने हुए हैं।

घाटी में रहेगा भाजपा विरोधियों का दबदबा

घाटी की 16 सीटों पर स्पष्ट तौर पर भाजपा विरोधियों का दबदबा दिखाई दे रहा है। इन सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन और पीडीपी आपस में तो एक दूसरे पर हमले कर ही रहे हैं। इनकी जेल में रहकर लोकसभा चुनाव जीते इंजीनियर राशिद की आवामी इत्तेहाद पार्टी, पूर्व मंत्री अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी, गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के साथ ही जमात-ए-इस्लामी के समर्थन वाले निर्दलीयों से जबर्दस्त ठनी हुई है। ऐसे में घाटी की 16 सीटों में से किसका क्या नतीजा और किसके पक्ष में निकलेगा यह तो स्पष्ट नहीं है। इतना स्पष्ट है कि इन सीटों पर भाजपा विरोधी ही जीतेंगे। भाजपा के अप्रत्यक्ष समर्थन से कुछ निर्दलीय या अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी कुछ सीटें जीत सकती है। इंजीनियर राशिद के प्रत्याशी भी कुछ सीटों पर सफल हो सकते हैं। लेकिन जीतने के बाद ये सब किसके साथ जाएंगे यह समय ही बताएगा। जो हालात बने हुए हैं उनसे यह भी साफ है कि किसी एक दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलना लगभग नामुमकिन है। सत्ता की चाबी किसके हाथ लग जाएगी या कौन किंग मेकर बन जाएगा, सबसे बड़ा यही सवाल फिजां में तैर रहा है। पेश हैं चुनींदा सीटों का ताजा सूरत-ए-हाल..

पम्पोरः श्रीनगर शहर से सटी इस सीट पर 14 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनेन मसूदी और पीडीपी के जहूर अहमद मीर की डाइरेक्ट फाइट को भाजपा के सैयद शौकत गयूर, अपनी पार्टी के सैयद अल्ताफ मीर, पैंथर्स पार्टी भीम के अलावा 7 निर्दलीय उम्मीदवार मुकाबले को रोचक बना रहे हैं।

पुलवामाः पुलवामा में सात निर्दलीयों सहित 12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनमें एनसी के 73 वर्षीय मोहम्मद खलील व पीडीपी के 38 साल के युवा वहीदुर्रहमान के बीच तगड़ा मुकाबला है। खलील 3 बार पीडीपी के विधायक रह चुके हैं। यहां चिराग पासवान की एलजेपी, एनसीपी और आप के प्रत्याशी भी मैदान में हैं। सात निर्दलीय एनसी या पीडीपी दोनों में से किसी का खेल अवश्य बिगाड़ेंगे। एक निर्दलीय तलत मजीद जमात-ए-इस्लामिया से जुड़े रहे हैं।

त्रालः आतंक के साये के चलते सुर्खियों में रहे खेती के लिहाज से मालदार इस विधानसभा क्षेत्र में सिखों की भी आबादी है। यही वजह है कि एनसी से गठबंधन में मिली इस सीट पर कांग्रेस ने सुरिंदर सिंह चन्नी को उम्मीदवार बनाया। इनका मुकाबला पीडीपी के रफीक अहमद नायक से है। निर्दलीयों में भी दो प्रत्याशी सिख हैं।

अनंतनागः यह सीट एनसी-कांग्रेस गठबंधन में कांग्रेस को मिली है, जिसने पीरजादा मोहम्मद सैयद को उम्मीदवार बनाया है। इसके चलते यहां से एनसी के बड़े और प्रभावशाली नेता पीर मोहम्मद हुसैन टिकट से वंचित रह गए। यहां कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और एनसी के मुखिया फारूक अब्दुल्ला बड़ी चुनावी सभा को संबोधित कर चुके हैं। पीडीपी ने डॉ. महमूद बेग और भाजपा ने एडवोकेट वजाहत हुसैन को उतारा है। पांच निर्दलीय भी मैदान में हैं। मुकाबला कांग्रेस और पीडीपी के बीच है।

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