
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- पत्रिका)
पावर का गलत इस्तेमाल करने वाले जज पर कड़ा एक्शन हुआ है। मद्रास हाई कोर्ट ने गुरुवार को कांचीपुरम के पूर्व प्रिंसिपल सेशंस और डिस्ट्रिक्ट जज पा यू चेम्मल को सस्पेंड कर दिया है।
बताया जा रहा है कि चेम्मल ने एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) एक्ट के तहत दर्ज एक शिकायत पर कार्रवाई न करने पर एक डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को रिमांड पर लेने का आदेश दिया था। इस फैसले के बाद से वे जांच के दायरे में आ गए थे।
पावर के गलत इस्तेमाल को लेकर जज चेम्मल की हाई कोर्ट तक शिकायत पहुंची। जिसके बाद उनके खिलाफ जांच शुरू हुई। इसी साल, अक्टूबर में हाई कोर्ट ने चेम्मल को जज के पद से हटा दिया। उन्हें फिर अरियालुर में परमानेंट लोक अदालत का चेयरमैन नियुक्त किया गया।
जज चेम्मल ने SC/ST मामले में कथित तौर पर कोई कार्रवाई न करने को लेकर डीएसपी शंकर गणेश को रिमांड पर लेने का आदेश दिया था। इस मामले में उन्होंने एक कांस्टेबल लोकेश्वरन रवि को भी गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था।
चेम्मल ने 8 सितंबर, 2025 को यह आदेश दिया था। जिसके बाद कांचीपुरम डिस्ट्रिक्ट कोर्ट कॉम्प्लेक्स में बवाल मच गया। कुछ ही समय बाद जज पर यह आरोप लगने लगे कि उन्होंने पर्सनल मतभेदों के कारण रवि को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।
इस मामले में यह भी बात उभरकर सामने आई कि चेम्मल ने रवि पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर डीएसपी को निशाना बनाया था।
यह मामला हाई कोर्ट में पहुंचा। जिसके बाद 9 सितंबर को मद्रास हाई कोर्ट ने डीएसपी और पुलिस कॉन्स्टेबल की याचिकाओं पर रिमांड ऑर्डर को रद्द कर दिया।
जस्टिस एन सतीश कुमार ने ऑर्डर रद्द करते हुए हाई कोर्ट के विजिलेंस विंग को चेम्मल द्वारा कथित तौर पर पावर के गलत इस्तेमाल की जांच करने का निर्देश दिया।
जांच के बाद, जस्टिस सतीश कुमार ने चेम्मल को ट्रांसफर करने की सिफारिश की। नतीजों के आधार पर, हाई कोर्ट ने अब उन्हें सस्पेंड कर दिया है।
Published on:
12 Dec 2025 08:47 am
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